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निराकार, अजन्मा शिव का परकाया प्रवेश का यादगार ही महाशिवरात्रि है- सविता बहन
नीमच : 21.02.2020 “स्वयं भू, ज्योति स्वरूप, निराकार, निरंजन, सर्वशक्तिवान शिवबाबा जब युग परिवर्तन हेतु परकाया प्रवेश करके प्रजापिता ब्रह्मा की रचना करते हैं एवं ब्रह्मा के भाग्यशाली शरीर रूपी रथ से युग परिवर्तन का कार्य जब प्रारंभ करते हैं तो उसी कर्तव्य का यादगार महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है । किन्तु भ्रान्तिवश यह पूरा ज्ञान मनुष्यात्माओं को न होने के कारण निराकार शिव की यादगार प्रतिमा शिवलिंग का श्रंगार व पूजन ही किया जाता है, जबकि वास्तविकता यह है कि स्वयं शिव ब्रह्मातन में प्रकट होकर नई सतयुगी सृष्टि और 33 कोटी देवताओं की रचना करने का कर्तव्य अभी कर रहे हैं । इस दिव्य कर्तव्य के यादगार समय को पुरूषोत्तम संगमयुग कहा गया है ।” उपरोक्त विचार शिवशक्ति राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने विशाल सद्भावना सभागार में आयोजित महाशिवरात्रि महोत्सव के दिव्य सत्संग को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये । इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने संक्षिप्त संबोधन में शिव अवतरण के 84वें महोत्सव पर सभी को बधाईयाँ प्रेषित की । इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विधायक दिलीपसिंह परिहार ने भाव विभोर होकर हर्ष प्रकट किया कि हम सब सौभाग्यशाली हैं जो आज इस पवित्र समागम में सम्मिलित होकर हमने शिवबाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया है ।
शिव जयंती महोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत ब्रहममुहुर्त में प्रात: 4 बजे से ही हो गई जबकि पचासों ब्रह्मा वत्सों ने वरदानी योग तपस्या कार्यक्रम में भाग लिया तत्पश्चात प्रात: 7 बजे से 10 बजे तक आयोजित विशाल महोत्सव में 800 से अधिक भाई-बहनो ने भाग लेकर दिव्य सत्संग एवं ध्यान योग कार्यक्रम का लाभ लिया । इस 84 वें शिवअवतरण दिवस पर पर 84 केक बनाए गए थे तथा 84 दीप प्रज्जवलित करके महाशिवरात्रि का महाभोग लगाया गया । तत्पश्चात ज्ञान मार्ग के चौराहे पर शिवध्वजारोहण का विशाल कार्यक्रम ढोल-ढमाके के साथ सम्मपन्न हुआ जिसमें विधायक दिलीप सिंह परिहार सहित पूर्व न.पा. अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन, संतोष चौपड़ा, पूर्व पार्षद विनीत पाटनी, आदित्य मालू, डॉ. विपुल गर्ग, माधुरी चौरसिया सहित अनेकानेक विशिष्ट व्यक्तियों सहित सैंकड़ों की संख्या में बी.के.भाई बहनों ने भाग लिया । प्रात:कालीन आयोजन के सम्पन्न होने पर सभी को महाभोग वितरित किया गया ।
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राष्ट्र खुशहाली के लक्ष्य से 300 से अधिक माताओं कन्याओं ने तपस्या की
नीमच : दि.8.9.19 “राजयोग मेडिटेशन निजी, पारिवारिक एवं अनेकानेक सामाजिक एवं राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान कारक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि राजयोग में धर्म, जाति, सम्प्रदाय, संगठन, भाषा अथवा किसी भी प्रकार की भौगोलिक स्थिति का प्रभाव नहीं रहता है । राजयोग एक एैसी तपस्या है जिसमें मित्रता एवं शत्रुता के भाव से परे रहकर सर्व के प्रति सदा शुभ भावना एवं मंगल की कामना स्वत: समाई रहती है । यह एक एैसी ध्यान पद्धति है जिसमें स्त्री, पुरूष की शारिरीक दृष्टि से भी उपर उठकर आत्म स्थिति का अभ्यास किया जाता है जिससे स्वत: आपसी प्रेम व भाईचारे की भावना का विकास होता है ।” उपरोक्त विचार ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने मनासा, रामपुरा, सिंगोली, जावद, जीरन, मल्हारगढ़ एवं पिपलिया मण्डी के ब्रह्माकुमारी राजयोग केन्द्रों से पधारी 300 से अधिक माताओं एवं कन्याओं के अखण्ड तपस्या शिविर को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये । शिविर के संयोजक बी.के.सुरेन्द्र भाई ने लगातार पूरे तपस्या कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजयोग की विभिन्न अवस्थाओं एवं हरेक के सामान्य जीवन में आने वाली परिस्थितियों के अनुसार उसपर विजय प्राप्त करने की विधियां बताकर बड़े ही नवीन एवं रमणीक तौर तरीके से राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाया साथ ही महिला गौरव से सम्बन्धित अनेक विडियो क्लीप एवं राजयोग कॉमेन्ट्री के माध्यम से उपस्थित महिलाओं व कन्याओं का स्वमान जागृत किया ।
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