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ब्रह्माकुमारी संस्थान में होली का त्यौहार सादगी का संकल्प लेकर मनाया गया

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ब्रह्माकुमारी संस्थान में 500 से अधिक लोगों ने तिलक होली मनाकर पानी बचाने का संकल्प लिया और सादगी से त्यौहार मनाकर अपना संकल्प पूरा किया होली का त्यौहार सादगी का संकल्प लेकर मनाया गया नीमच : दि.14 मार्च-17 : “परमात्मा पिता शिव ने हमें होली शब्द के तीन अर्थ बताऐ हैं1. होली अर्थात बीती सो बीती, जो हो गया उसकी चिन्ता न करो तथा आगे के लिए जो भी कर्म करो, परमात्मा की याद में योगयुक्त होकर करो । 2. हो ली अर्थात हो गई.. मैं आत्मा अब ईश्वर अर्पण हो गई अब जो भी कर्म करना है ईश्वर की मत पर ही करना है 3. होली अर्थात पवित्र.. यानि हमें जो भी कर्म करने हैं वे किसी भी विकार के वश होकर नही बल्कि पवित्र बुद्धि से सबके प्रति शुभभावना, शुभकामना रखते हुए करने हैं।” उक्त उद्गार नीमच सबझोन की संचालिका राजयोगिनी सविता बहनजी ने होली का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कही आपने बताया कि “हॉली भी परमपिता परमात्मा द्वारा हम आत्माओं को अपने संग के रंग में रंगने का यादगार है । होली का त्यौहार वर्ष के अंतिम मास फाल्गुन की पुर्णिमा को मनाया जाता है । सृष्टि चक्र के दो भाग हैं ब्रह्मा का दिन और ब्रह्मा की रात्रि । ब्रह्मा का दिन है सतयुग–त्रेतायुग । उस समय सभी देवात्माएें ईश्वरीय रंग में रंगी होती है परंतु जब द्वापरयुग आता है और ब्रह्म की रात्रि का प्रारंभ होता है ताो मनुष्यात्माएें विकारों की प्रवेशता से बदरंग होने लगती है और कलियुग के अंत तक आत्माएें इतनी बदरंग हो जाती है कि अपनी असली पहचान से पूरी तरह दूर चली जाती है, तब निराकार परमात्मा शिव धरती पर अवतरित होकर विकारों से बदरंग बनी आत्माओं को अपने संग का रंग लगाती है, उन्हें स्वच्छ बनाकर उनमें ज्ञान, शांति, प्रेम, सुख, आनन्द, पवित्रता, शक्ति आदि गुण भरकर देवतुल्य बना देते हैं । चूंकि यह घटना कल्प के अंत में घटती है इसलिए यादगार रूप में यह त्यौहार भी वर्ष के अंतिम मास यानि मार्च के अंतिम दिनों में मनाया जाता है । भगवान जब आते हैं तो स्वयं तो ज्ञान–गुणों का रंग आत्माओं पर लगाते ही हैं पर जिन पर ज्ञान–गुणों का रंग लग जाता है, उन्हें यह आदेश भी देते हैं कि अब तुम अन्य आत्माओं पर भी यह रंग लगाओ । इसी की याद में इस त्यौहार पर मनुष्य एक दूसरे को गुलाल आदि लगाते हैं ।” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीमच सबझोन के एरिया डायरेक्टर बी.के. सुरेन्द्र ने बताया कि “होली के अवसर पर लोग गेहूं और जौ की बालियों को भूनते हैं इसका आध्यात्मिक रहस्य यह है कि जैसे भूने हुए अन्न को दुबारा बोया नहीं जा सकता एैसे ही ज्ञान योग की अग्नि में तपकर किया गया कर्म भी श्रेष्ठ कर्म बन जाता है । साथ साथ आपने उपस्थित सभी जनसमुदाय को होली पर पानी व्यर्थ न बहाने व सादगी से त्यौहार बनाने का संकल्प भी दिलाया । ” होली के दिन ही ईश्वरीय सेवा के लिए समर्पित हुई तीन बहनों शीतल बहन, योगिता बहन व हेमा बहन का अलौकिक जन्मोत्सव भी मनाया गया । सुरेन्द्र भाई एवं ब्रह्माकुमारी महानन्दाबहन ने उपस्थित 500 से अधिक भाई–बहनों को गुलाल का तिलक लगाकर व पवित्र ईश्वरीय प्रसाद वितरित किया । BRAHMAKUMARIS ‘Gyan Sagar’, Gyan Marg NEEMUCH – 458441 (M.P.) Ph. No. 07423 220676, M. 9424033402 E-Mail : [email protected] [email protected]

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अडाणी विल्मार, स्टेट पुलिस, सी.टी.सी., आर. टी. सी. और जीरन में कार्यक्रम हुए

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प्रो. ई.वी.गिरीश के नीमच जिले में अंतिम दिन पांच सफल कार्यक्रम सम्पन्‍न हुए
नीमच : सर्वप्रथम अडाणी विल्मार में स्ट्रेस मैनेजमेंट का 90 मिनिट का कार्यक्रम रखा गया जिसमें यूनिट हेड वेद सुब्रमण्यम ने प्रोफेसर गिरीश एवं बी.के.श्रुति दीदी का स्वागत किया । सभी ने मिलकर दीप प्रज्‍जवलित किये एवं कार्यक्रम के अंत में मानव संसाधन विभाग के प्रमुख यशवन्त यादव ने सभी का आभार प्रकट किया ।
इसके पश्‍चात नीमच जिला पुलिस के जवानों एवं अधिकारियों के लिए ब्रह्माकुमारीज़ परिसर के सद्‌भावना सभागार में तनाव मुक्त जीवन शैली कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 100 पुलिस कर्मियों ने भाग लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रोफेसर गिरीश, बी.के.सविता दीदी, बी.के.सुरेन्द्र भाई, अति.पुलिस अधीक्षक नवलसिंह सिसोदिया, रिजर्व इंस्पेक्टर विक्रमसिंह भदौरिया, यातायात विभाग के प्रमुख इंस्पेक्टर अमित सारस्वत, प्लाटून कमाण्डर श्रीमती पुष्पा एवं बी.के.श्रुति बहन ने दीप प्रज्‍जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । इस कार्यक्रम की खासियत रही कि पुलिस विभाग से सम्बन्धित तनाव के कारणों का प्रोफेसर गिरीश ने अच्छा विश्‍लेषण किया तथा एएसपी नवलसिंह सिसोदिया ने भी धन्यवाद के साथ अपने उद्‌गार प्रकट किये ।
तीसरा कार्यक्रम सी.आर.पी.एफ. की सीटीसी शाखा में 100 से अधिक उन राजपत्रित अधिकारियों जो कि असिस्टेंट कमाण्डेंट से उन्‍नत होकर डिप्टी कमाण्डेंट बनने जा रहे थे के लिए ‘हर हाल में खुशहाल’ कार्यक्रम का सफल आयोजन सम्पन्‍न हुआ, जिसमें कमाण्डेंट जितेन्द्र गुप्‍ता ने प्रोफेसर गिरीश व बी.के.श्रुति बहन का स्वागत किया । इस कार्यक्रम की खासियत यह रही कि अधिकारियों के सभी प्रश्‍नों का समाधान किया गया ।
चौथा कार्यक्रम आर.टी.सी. की शाखा में किया गया जिसमें ग्रुप सेंटर, फोर सिगनल, रेंज, फर्स्ट बटालियन एवं आरटीसी के अधिकारी व प्रशिक्षण पास किये हुए 400 से अधिक महिला पुरूष जवानों ने भाग लिया । इस कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर गिरीश ने अपनी खुशनुमा शैली से सभी को पेट पकड़कर लगातार हंसने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डी.आई.जी., ब्रिगेडियर अनमोल सूद ने सभी का स्वागत तथा आभार प्रकट किया ।
पांचवा और अंतिम कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज़, जीरन के नवनिर्मित ‘शिवधाम’ भवन में देर रात तक आयोजित किया गया । जिसमें बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया । कार्यक्रम की शुरूआत में प्रोफेसर ई.वी.गिरीश, बी.के.सविता दीदी, बी.के.सुरेन्द्र भाई, नारायणदास बाहेती, पूर्व नगर परिषद अध्यक्षा सीमा राजोरा, वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश मेहता, बोहरा समाज के प्रमुख शाकीर भाई, मदनलाल प्रजापत एवं पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष ओमप्रकाश वर्मा आदि ने मिलकर दीप प्रज्‍जवलिता किये एवं 90 मिनिट से अधिक चले इस कार्यक्रम में पूरी तल्‍लीनता से सारी सभा प्रोफेर गिरीश को सुनती रही । उन्होंने ग्रामीण परिवेश में आने वाले तनाव व अन्य समस्याओं का उल्‍लेख कर उनके सहज सटीक समाधान बताऐं । कार्यक्रम का संचालन बी.के.ज्योति बहन ने किया ।

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देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्‍न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत ‍में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।

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आज की टेक्नोलॉजी और ए.आई. ने बुद्धि को दो इंच की स्क्रीन तक सीमित कर दिया है – शारदा दीदी

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महिला सशक्तिकरण सम्मेलन ने भारी सफलता प्राप्त की ।
नीमच : ‘‘आज के विज्ञान ने साधन तो दिये लेकिन मनुष्य की साधना समाप्त होती जा रही है । आधुनिक संसार तो दिया लेकिन संस्कार समाप्त होते जा रहे हैं, इंसानों ने अपना शरीर रूपी चित्र तो सजाया लेकिन चरित्र का पतन होता जा रहा है, इसका परिणाम यह है कि आज का विश्‍व घोर अशांति और तनाव में जी रहा है । हर कोई भय ग्रस्त है.. असुरक्षित है.. आज बच्चे से लेकर बूढ़े तक क्रोध के वशीभूत हैं । चैन की नींद बहुत दूर चली गई है । एैसा क्यों हुआ? क्योंकि सामाजिक जीवन से आध्यात्मिक मूल्य समाप्त हो गए हैं । मनुष्य केवल मशीन बनकर रह गया है ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात प्रेरक वक्ता बी.के.शारदा दीदी ने ब्रह्माकुमारीज़ सदभावना सभागार में आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। आपने आज की मातृ शक्ति को चेतावनी देते हुए कहा कि आई.टी. और ए.आई. ने बच्चों से लेकर बड़ों तक सबकी बुद्धि को दो इंच के स्क्रीन तक समेट दिया है । धीरे धीरे सबका मौलिक चिंतन समाप्त हो रहा है । एक छोटी सी गणना के लिए भी आज का बच्चा केल्कुलेटर का सहारा लेता है । इन सबका उपयोग करते हुए यदि हम अपनी आध्यात्मिक चेतना और मूल्य जागृत नहीं करेंगे तो ये संसार कहां थमेगा..?’’
महिला सम्मेलन का शुभारंभ बी.के.शारदा दीदी, बी.के.सविता दीदी, ज्ञानोदय विश्व विद्यालय की कुलाधिपति डॉ. माधुरी चौरसिया, आई.एम.ए.की अध्यक्ष डॉ. सुजाता गुप्ता, सी.टी.सी. के आई.जी. की धर्मपत्नि श्रीमती रजनी दत्ता, आर.टी.सी. के डी.आई.जी. की पत्नि श्रीमती आशा सूद, रेंज डी.आई.जी. की धर्मपत्नि श्रीमती सुरजीत कौर एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती तृप्ति दुआ आदि ने दीप प्रज्‍जवलित कर किया । शारदा दीदी का स्वागत डॉ. माधुरी चौरसिया ने तथा सविता दीदी का स्वागत श्रीमती रजनी दत्ता ने किया तथा कु.पलक एवं कु. रिषिका ने सुन्दर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की संचालक बी.के.श्रुति बहन ने इस सम्मेलन की प्रमुख वक्ता बी.के.शारदा दीदी को जब उद्‌बोधन के लिए आमंत्रित किया तो सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा । इस कार्यक्रम में सी.आर.पी.एफ. के अलावा अग्रवाल समाज, जैन समाज, माहेश्‍वरी समाज, सिंधी समाज, खण्डेलवाल समाज, पोरवाल समाज आदि संगठनों के पदाधिकारी महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया । इनके अलावा कॉलेज की महिला प्रोफेसर्स, डॉक्टर्स आदि प्रमुख महिलाऐं भी सम्मिलित हुई तथा ज्ञानोदय ग्रुप द्वारा अतिथियों को मोमेन्टो के साथ शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया।
इस महिला सम्मेलन में आगंतुक महिलाओं का आत्म स्मृति का तिलक प्रदान कर ओमशांति लिखित केसरिया दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया तथा सम्मेलन के समापन पर सभी को पवित्र प्रसाद वितरित किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने किया ।

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Brahma Kumaris Neemuch