Malhargarh
केन्द्रीय विद्यालय के 40 नगरों से पधारे शिक्षकों के लिए तनावमुक्ति कार्यशाला सम्पन्न
दूसरे को बदलने के बजाए उसका रोल उसी रूप में स्वीकार करें –बी.के.सुरेन्द्र तनावमुक्त रहने के लिए मेडिटेशन को जीवन का हिस्सा बनाएें– श्रुति बहन केन्द्रीय विद्यालय के 40 नगरों से पधारे शिक्षकों के लिए तनावमुक्ति कार्यशाला सम्पन्न नीमच : 1 मार्च, “हम सदैव शांति की कामना और प्रार्थना श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत आत्मा के लिए करते हैं, किन्तु न तो स्वयं को कभी आत्मा समझ के जीवन जीया और न आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए कभी समय निकाला.. तनाव का यही मूल कारण है, कि स्वयं शांत स्वरूप आत्मा अपने मूल स्वरूप को ही भुला बैठी है, और देह के मिथ्या अहंकार में भौतिक स्वरूप को ही यथार्थ जीवन मानकर जीवन जीने को मजबूर है । जबकि आत्मज्ञान हमें अपने अविनाशी और आनन्दमय स्वरूप में जीने की प्रेरणा देता है और यही आत्म स्वरूप हमें परमात्म मिलन भी करवा सकता है । स्वयं को शरीर रूपी वस्त्रधारी आत्मा समझ एक्टर समझें और दूसरे को भी बदलने के बजाए उसका रोल उसी रूप में स्वीकार करें तो कभी तनाव नहीं होगा ।” उक्त तथ्य ब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने केन्द्रीय विद्यालय के संपूर्ण म.प्र. से पधारे हुए शारिरीक एवं स्वास्थ्य शिक्षकों की तनाव मुक्ति कार्यशाला को संबोधित करते हुए रखे । बी.के.सुरेन्द्र भाई ने आत्मज्ञान की सुंदर विवेचना करने के पश्चात आत्म अनुभूति के लिए गहन सुख–शांति के विचारों को प्रदान करते हुए रनिंग कॉमेन्ट्री की, जिससे उपस्थित समस्त शिक्षकगण गहरी सुख–शांति की अनुभूतियों में लीन हो गए । तनाव मुक्ति विशेषज्ञा बी.के.श्रुति बहन ने आडियो विडियो प्रोजेक्टर के द्वारा प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत करते हुए तनाव मुक्ति के अनेकानेक व्यवहारिक और सरल टिप्स बताऐ । श्रुति बहन ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का भूतकाल एक वेस्ट पेपर के समान है जबकि भविष्य क्वेश्चन पेपर जैसा है.. किन्तु वर्तमान हमारा न्यूज पेपर है.. यदि वर्तमान को हम अच्छे से समझें.. पढ़ें.. और सही ढंग से लिखें तो हमारा भविष्य उज्जवल होगा नहीं तो वर्तमान न्यूज पेपर भी टिशु पेपर बन जाएगा । तनाव से बचने के लिए श्रुति बहन ने अपनी तुलना किसी से भी नहीं करने का सुझाव दिया । श्रुति बहन ने बताया कि हमारे साथ जो भी घटना घटती है उसके पीछे छिपे कल्याण को देखें.. दृष्टिकोण बदलें .. एक समय में एक समस्या का हल निकालेँ.. कुछ अनसुलझी बातों को समय पर छोड़ दें और जीवन में सुबह, शाम नित्य मेडिटेशन को अपनाएें.. तो जीवन तनावमुक्त होकर खुशहाल बन जाएगा । तनाव मुक्ति कार्यशाला के अन्त में केन्द्रीय विद्यालय नीमच के प्राचार्य श्री पी.सी.कोठारी ने ब्रह्माकुमारी संस्था का बहुत बहुत आभार मानते हुए धन्यवाद दिया..कि सारे प्रदेश से पधारे हुए हमारे शिक्षकों को अपना अमूल्य समय और सहयोग देकर आनन्द की अनुभूति करवाई । इन्दौर, भोपाल , उज्जैन, धार, होशंगाबाद, शिवपुरी, रायसेन, सिहोर, रतलाम, गुना, मन्दसौर, सागर, बड़वानी, महू, बैतूल, शाजापुर,पचमढ़ी, हरदा, टीकमगढ़, इटारसी, नर्मदानगर,बड़वानी आदि अनेकानेक स्थानों के सभी शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में बहुत खुशी व आनन्द से भाग लिया एवं अनेकों ने नियमित राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करने की रूचि भी दिखाई.. अंत में सभी को पवित्र प्रसाद वितरित किया गया । BRAHMAKUMARIS ‘Gyan Sagar’, Gyan Marg NEEMUCH – 458441 (M.P.) Ph. No. 07423 220676, M. 9424033402 E-Mail : [email protected] [email protected]

देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।
Jawad
आज की टेक्नोलॉजी और ए.आई. ने बुद्धि को दो इंच की स्क्रीन तक सीमित कर दिया है – शारदा दीदी

महिला सशक्तिकरण सम्मेलन ने भारी सफलता प्राप्त की ।
नीमच : ‘‘आज के विज्ञान ने साधन तो दिये लेकिन मनुष्य की साधना समाप्त होती जा रही है । आधुनिक संसार तो दिया लेकिन संस्कार समाप्त होते जा रहे हैं, इंसानों ने अपना शरीर रूपी चित्र तो सजाया लेकिन चरित्र का पतन होता जा रहा है, इसका परिणाम यह है कि आज का विश्व घोर अशांति और तनाव में जी रहा है । हर कोई भय ग्रस्त है.. असुरक्षित है.. आज बच्चे से लेकर बूढ़े तक क्रोध के वशीभूत हैं । चैन की नींद बहुत दूर चली गई है । एैसा क्यों हुआ? क्योंकि सामाजिक जीवन से आध्यात्मिक मूल्य समाप्त हो गए हैं । मनुष्य केवल मशीन बनकर रह गया है ।’’ उपरोक्त विचार विश्व विख्यात प्रेरक वक्ता बी.के.शारदा दीदी ने ब्रह्माकुमारीज़ सदभावना सभागार में आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। आपने आज की मातृ शक्ति को चेतावनी देते हुए कहा कि आई.टी. और ए.आई. ने बच्चों से लेकर बड़ों तक सबकी बुद्धि को दो इंच के स्क्रीन तक समेट दिया है । धीरे धीरे सबका मौलिक चिंतन समाप्त हो रहा है । एक छोटी सी गणना के लिए भी आज का बच्चा केल्कुलेटर का सहारा लेता है । इन सबका उपयोग करते हुए यदि हम अपनी आध्यात्मिक चेतना और मूल्य जागृत नहीं करेंगे तो ये संसार कहां थमेगा..?’’
महिला सम्मेलन का शुभारंभ बी.के.शारदा दीदी, बी.के.सविता दीदी, ज्ञानोदय विश्व विद्यालय की कुलाधिपति डॉ. माधुरी चौरसिया, आई.एम.ए.की अध्यक्ष डॉ. सुजाता गुप्ता, सी.टी.सी. के आई.जी. की धर्मपत्नि श्रीमती रजनी दत्ता, आर.टी.सी. के डी.आई.जी. की पत्नि श्रीमती आशा सूद, रेंज डी.आई.जी. की धर्मपत्नि श्रीमती सुरजीत कौर एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती तृप्ति दुआ आदि ने दीप प्रज्जवलित कर किया । शारदा दीदी का स्वागत डॉ. माधुरी चौरसिया ने तथा सविता दीदी का स्वागत श्रीमती रजनी दत्ता ने किया तथा कु.पलक एवं कु. रिषिका ने सुन्दर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की संचालक बी.के.श्रुति बहन ने इस सम्मेलन की प्रमुख वक्ता बी.के.शारदा दीदी को जब उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया तो सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा । इस कार्यक्रम में सी.आर.पी.एफ. के अलावा अग्रवाल समाज, जैन समाज, माहेश्वरी समाज, सिंधी समाज, खण्डेलवाल समाज, पोरवाल समाज आदि संगठनों के पदाधिकारी महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया । इनके अलावा कॉलेज की महिला प्रोफेसर्स, डॉक्टर्स आदि प्रमुख महिलाऐं भी सम्मिलित हुई तथा ज्ञानोदय ग्रुप द्वारा अतिथियों को मोमेन्टो के साथ शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया।
इस महिला सम्मेलन में आगंतुक महिलाओं का आत्म स्मृति का तिलक प्रदान कर ओमशांति लिखित केसरिया दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया तथा सम्मेलन के समापन पर सभी को पवित्र प्रसाद वितरित किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने किया ।
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