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तनाव मुक्त खुशहाल जीवन के लिए अच्छी बातों को सेव करो.. और कष्टदायक स्मृतियाँ डिलीट कर दो..

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दो दिन तक दो सत्र में ‘जॉयफुल डे.. रेस्टफुल स्लीप..’ भारी सफलता के साथ सम्पन्‍न
नीमच : नगर के प्रमुख नागरिकों, केन्द्र सरकार के विभिन्‍न विभागों के उच्‍चाधिकारियों, प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं, प्रमुख चिकित्सकों के साथ ही अन्य पूर्व में पंजीकृत आम नागरिकों के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान के पावन धाम परिसर में स्थित विशाल सद्‌भावना सभागार में दो दिवसीय कार्यक्रम ’जॉयफुल डे.. रेस्टफुल स्लीप..’ अर्थात ‘खुशहाल दिन.. चैन की नींद..’ कार्यक्रम का आयोजन रखा गया था, जिसके दो सत्र में लगभग चार घण्टे से अधिक के अपने संबोधन में विश्‍व विख्यात प्रेरक वक्‍ता व मानव मनोविज्ञान के गहन ज्ञाता, मुम्बई के प्रोफेसर (डॉ.) स्वामीनाथन ने कहा कि – ‘‘दिन और रात का आपस में गहरा जुड़ाव है, यदि हमारा प्रात:काल से रात्र‍ि तक दिन अच्छा व शांति से बीता है तो रात को भी गहरी नींद आएगी’’ और यह जानकारी भी दी कि नींद भी एक चिकित्सा पद्धति है, अनेक मानसिक व शारिरीक रोग जैसे कि अधिक तनाव डिप्रेशन, ब्लडप्रेशर, हा

र्टअटेक आदि अनेकानेक रोगों की चिकित्सा संतुलित व गहरी नींद अपने आप कर देती है।’’ डॉ. स्वामीनाथन ने नींद के दो प्रकार बताऐ क्वान्टिटी वाली अर्थात अधिक देर तक सोना और क्वालिटी वाली अर्थात कुछ घण्टे की नींद में ही संपूर्ण तृप्‍ति मिल जाना । आपने क्वालिटी वाली नींद पर अधिक जोर दिया ।
मूल्य आधारित समाज की रचना पर निरन्तर कार्यरत डॉ. स्वामीनाथन ने बीच बीच में अनेक हंसी खुशी के फव्‍वारे छोड़ते हुए बताया कि ‘‘दिन की खुशहाली और रात को चैन की नींद के लिए हमें अपने मस्तिष्क में डिपॉजिट होने वाली स्मृतियों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है.. जैसे छोटे मासूम बच्‍चे कोई भी अच्‍छी या बुरी घटना जल्दी ही भूल जाते हैं और अपना सामान्य व्यवहार करने लगते हैं aठीक इसी प्रकार हर युवा या बुजुर्ग को भी अपने अंदर अपना बचपन जरूर जिंदा रखना है, ताकि हम कष्टदायक स्मृतियों को अपने मस्तिष्क रूपी हार्ड डिस्क से डिलीट कर सकें और खुशी देने वाले अनमोल पलों को याद कर सेव कर सकें ।’’
डॉ. स्वामीनाथन ने दो दिन चले कार्यक्रम के दो सत्र में सार स्वरूप में यह बताया कि यदि मनुष्य का मन और बुद्धि दोनों एक साथ एक दिशा में काम करें तभी एकाग्रता बन सकती है और एकाग्रचित्त मन बुद्धि में जो भी संकल्प उठेंगे उसकी एक सुन्दर छवि हमारे अवचेतन मन में सदा-सदा के लिए अंकित हो जाएगी और यही अवचेतन मन अथवा सब कान्शस माइण्ड हमें हर कार्य के लिए प्रेरित करता है । डॉ. स्वामीनाथन ने अपने बताए तनाव मुक्ति व खुशहाल जीवन के टिप्स को सहज अपने जीवन में उतारने के लिए मेडिटेशन को बहुत-बहुत जरूरी बताया । साथ ही आपने अनेक सामान्य व्यवहारिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से राजयोग मेडिटेशन का परिचय दिया । ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका बी.के.सविता दीदी ने दोनों सत्र में दस -दस मिनिट तक अपनी रनिंग कॉमेन्ट्री से प्रेक्टिकल मेडिटेशन करवाया साथ ही संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने शरीर में वर्षों से पल रहे ब्रेन कैंसर व अनेक अन्य व्याधियों के बावजूद खुशहाल जीवन जीने के अपने कुछ अनुभव भी सुनाऐ ।
इस अत्यधिक सफल कार्यक्रम में विधायक श्री दिलीपसिंह परिहार, सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री डी.एस.चौरड़िया एवं श्री कैलाश धानुका, न.पा.अध्यक्ष श्रीमती स्वाति चौपड़ा, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री संतोष चौपड़ा, सी.आर.पी.एफ. के डी.आई.जी. ब्रिगेडियर श्री अनमोल सूद, डी.आई.जी. मेडिकल श्री पी.एन. सोलंकी, कमाण्डेन्ट सी.टी.सी., श्री वेदप्रकाश, सेकण्ड इन कमाण्ड क्रमश: श्री दुर्गाराम जी, श्री विमलेश झा, डिप्टी कमाण्डेन्ट श्री दलवीरसिंह, श्री सुरेश सैनी, श्री रत्नेश कुमार, आदि के साथ ही कुछ असिस्टेंट कमाण्डेन्ट के अलावा, प्रिंसीपल सिस्टर जया आदि सभी ने सामुहिक रूप से दीप प्रज्‍जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तत्‌पश्‍चात नीमच विधान सभा से लगातार चौथी बार निर्वाचित हुए विधायक श्री दिलीपसिंह परिहार को बधाई देते हुए डॉ. स्वामीनाथन ने उनको गुलदस्ता भेंट कर अभिनन्दन किया । कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन ने किया, अंत में सभी को दिव्य प्रसाद के पैकेट वितरित किये गए ।

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जीरन (नीमच) में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम

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शिव धाम का यह पवित्र भवन नगर को आध्यात्म की नई दिशा देगा – बी.के.सूर्य भाई

जीरन में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम सम्पन्न

नीमच (जीरन) : ‘‘जीरन नगरी में बना यह नवीन ‘शिव धाम’ अपनी आध्यात्मिक किरणों के द्वारा नगर में निरंतर सुख-शांति के प्रकम्पन्‍न प्रवाहित करेगा । इसके सुन्दर हॉल में हमेशा सेवाओं के कार्यक्रम चलते रहेंगे तथा विशेष ध्यान कक्ष के शक्तिशाली वाईब्रेशन हर राजयोग साधक को आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण कर आंतरिक खुशी प्रदान करेगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व

विख्यात प्रेरक वक्‍ता, मानस मर्मज्ञ एवं संकल्प सिद्ध योगी ब्रह्माकुमार सूर्य भाई जी ने  अपने वक्तव्य में कहे । आप यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ की विशाल दो मंजिला भवन के दिव्य प्रवेश के अवसर पर पधारे थे । आपके साथ ही प्रेरक वक्ता, दिव्य प्रभा एवं साहित्स सृजक, अन्तर्राष्ट्रीय विभूति राजयोगिनी बी.के.गीता बहन जी भी उपस्थित थे । दोनों विशिष्ट अतिथि द्वय ने शिवधाम के प्रवेश द्वार

पर ओम शान्ति की ध्वनि के साथ नारियल फोड़कर तथा फीता काटकर दिव्य प्रवेश किया तथा शिव भोलानाथ के भण्डारे में अपने हाथों से भोग प्रसादी बनाई, तत्‌पश्‍चात बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करके आध्यात्मिक सेवाओं के लक्ष्य देकर मार्गदर्शन दिया ।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निर्भय, निश्चिंत और खुशहाल जीवन के लिए टिप्स देने वाले कार्यक्रम ‘सुख शांति की ओर कदम..’  का शुभारंभ अतिथि द्वय ने राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी, राजयोगी बी.के.सुरेन्द्र भाई, बी.के.श्रुति बहन, बी.के.ज्योति बहन एवं बी.के.वर्षा बहन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया ।  अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश जी

मेहता एवं पूर्व न.पं.अध्यक्ष जीवराज धानुक ने किया । बी.के.सूर्य भाई जी तथा राजयोगिनी बी.के.गीता दीदी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से सभी को लाभान्वित किया तथा खुशहाल जीवन शैली के अनेक सहज, सरल उपाय बताऐ । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया तथा आभार प्रदर्शन बी.के.सुरेन्द्र भाई ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन द्वारा किया गया ।

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया
नीमच : अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा ने आध्यात्मिक रूप से संपूर्णता को प्राप्‍त कर 18 जनवरी-1969 को देह त्याग किया था । उनके स्मृति दिवस को संसार के 150 से अधिक देशों में विश्‍व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष उनके 56 वें स्मृति दिवस को सारे विश्‍व में फैले ब्रह्माकुमारीज़ के हजारों सेवाकेन्द्रों द्वारा गहन मौन तपस्या एवं दिव्य सत्संग के विशाल आयोजन कर मनाया गया । इसी श्रंखला में संस्थान के नीमच सबझोन एरिया के नीमच, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़, पिपलिया मण्डी व नारायणगढ़ सेवाकेन्द्रों के साथ ही अनेक ग्रामीण केन्द्रों पर भी ब्रह्मा बाबा का 56वां स्मृति दिवस मनाया गया ।
इस विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत ्ब्रह्ममुहुर्त अमृतवेला 3.30 बजे से ही सामुहिक राजयोग ध्यान तपस्या से हुई, जिसमें भारी ठंड होने के बावजूद 3.30 बजे से ही 50 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया । तत्‌पश्‍चात प्रात: 6 से 11 बजे तक लगातार चले कार्यक्रम में राजयोग मेडिटेशन, ईश्‍वरीय महावाक्यों की मुरली क्लास, प्रात: कालीन भोग के पश्‍चात उपस्थित 500 से अधिक ब्रह्मावत्सों को विशेष गाजर का दूध तथा चार प्रकार के फल वितरित किये गए । राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी के संबोधन के बाद परमात्मा शिव को महाभोग स्वीकार करवाया गया । तत्‌पश्‍चात ब्रह्माबाबा के चरित्र दर्शन पर संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने अनुभव युक्त संस्मरण सुनाऐ तथा रनिंग कॉमेन्ट्री द्वारा राजयोग तपस्या में परम शांति की अनुभूति कराई गई । कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी सैकड़ों ब्रह्मावत्सों को महाभोग प्रसादी वितरित की गई । कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति दीदी ने किया ।

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देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्‍न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत ‍में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।

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