Neemuch
ब्रहमाकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित “कलमकार सम्मेलन’ में लगभग 100 पत्रकारों एवं साहित्यकारों ने भाग लिया
शरीर के जख्म को तो ठीक करना चाहते हैं पर मन के जख्मों को खुद ही कुरेदते हैं– सूर्य भाई ब्रहमाकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित “कलमकार सम्मेलन’ में लगभग 100 पत्रकारों एवं साहित्यकारों ने भाग लिया नीमच : उड़ा भी दो यारों सब रंजिशें इन हवाओं में.. नफरत का ज़हर मत घोलो इन फिज़ाओं में.. घमण्ड ना करना जिन्दगी में.. कि तकदीर बदलती रहती है..शीशा तो वही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती है.. कार्यक्रम के संचालक बी.के.सुरेन्द्र भाई ने इस शेर को पढ़कर सम्मेलन की शुरूआत की और तनाव मुक्ति के टिप्स में एक रहस्य समझाया कि –”अच्छी जिन्दगी जीने के दो तरीके हैं कि– या तो जो पसन्द है उसे हासिल करना सीख लो अथवा जो हासिल हुआ है उसे पसन्द करना सीख लो” इस सम्मेलन के प्रमुख वक्ता अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, संकल्प सिद्ध राजयोग तपस्वी, बाल ब्रह्मचारी, दर्शन एवं मनोविज्ञान के गहन ज्ञाता, अनेकानेक पुस्तकों के लेखक एवं चुटकी में हर प्रकार की समस्या का समाधान बताने वाले समाधान स्वरूप बी.के.सूर्य भाई ने तनाव मुक्ति के गुर समझाते हुए कहा कि – “शरीर पर कोई जख्म होता है तो हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी यह घाव भर जाए किन्तु मन पर जो ज़ख्म और घाव लगते रहते हैं उन्हें तो बार–बार याद करके कुरेदते रहते हैं और तनाव दिनों दिन बढ़ता चला जाता है, जितना ज्यादा बीती बातों और घटनाओं का चिन्तन करेंगे उतना दर्द बढ़ता चला जाएगा । हमेें बीती बातों को डिलीट करना है और नई सकारात्मक और खुशी देने वाली बातों का चिन्तन करने प्रसन्नचित्त रहना है” बी.के.सूर्य भाई ने एक सटीक उदाहरण देते हुए बताया कि – जैसे मोबाईल में भी यदि फालतू फोटो, विडियो या अन्य बातें भरते चले जाऐगें तो जब काम की बातों को भरना चाहेंगे तो “मेमोरी फूल’ का मैसेज मिलेगा.. बीती बातों को भुलाने और मन के घाव भरने के लिए राजयोगा मेडिटेशन का नियमित अभ्यास अति आवश्यक है, केवल 10 मिनिट सुबह जल्दी जब हम उठें तब सकारात्मक विचारों से परमात्मा की स्मृति का अभ्यास करें और रात्रि को सोते समय भी 10 मिनिट सारे दिन के अपने किये हुए कर्मा का निरीक्षण करके पाप कर्मों की क्षमा मांगे और परमपिता परमात्मा शिवबाबा से गुडनाईट करके सो जाएें तो नींद भी गहरी और थकान मिटाने वाली होगी और सुबह शिवबाबा से गुडमार्निंग करने पर दिन भी अच्छा बीतेगा । इस सम्मेलन को अन्त ऱाष्ट्रीय ख्याति प्राप्त,संकल्प शक्ति पर लगातार विशेष रिसर्च करने वाली राजयोगा ट्रेनर ब्रहमाकुमारी गीता बहन ने भी सम्बोधित किया । आपने बताया कि “जिस अहंकार का कोई मूल्य नहीं उसे मिटाते चलें.. समझदार वो जो झुकना सीखे.. अकड़ता तो मुर्दा है.. मन पर रखा भारी बोझ हटाने के लिए गीता बहन ने एक सुंदर उदाहरण बताया कि यदि केवल 100 मिलीलीटर पानी के गिलास को भी यदि हमें कहा जाए कि दो घण्टा पकड़कर रखो तो इतना हल्का गिलास भी हमें बहुत बड़ा बोझ लगने लगेगा और सोच सोच कर ही हम थक जाएेंगे ठीक इसी प्रकार जाने कितनी बीती हुई नकारात्मक बातों का बोझ हम बरसों सिर पर उठाए रहते हैं तो तनावमुक्त कैसे बनेंगे ..? खुशहाल जीवन के लिए जीवन की नैया को नकारात्मक बातों के लंगर से मुक्त करो और राजयोग मेडिटेशन की पतवार से उसे आगे बढ़ाओ आपका जीवन फूलों की तरह खुशबूदार होकर मुस्कुराने लगेगा। कलमकार सम्मेलन की शुरूआत में ‘कृति’ के संयोजक एवं साहित्यकार किशोर जवेरिया ने बी.के.सूर्य भाई सा. का गुलदस्ता भेंट करके स्वागत किया एवं माधुरी चौरसिया ने राजयोगिनी गीता बहन का स्वागत किया । सम्मेलन में पधारे सभी पत्रकारों एवं साहित्यकारों को व्यक्तिगत रूप से मिलकर बी.के.सूर्य भाई ने ईश्वरीय भेंट प्रदान की जिसमें तनावमुक्त जीवन की एक लघुपुस्तिका भी प्रदान की गई अंत में बालब्रहमचारी राजयोगी भाई बहनों के स्वहस्तों से निर्मित पवित्र ब्रहमाभोजन सभी को परोसा गया जिसके रसास्वादन से सभी तृप्त हुए एवं इस आयोजन की सभी ने सराहना करते हुए इस प्रकार के आयोजन की भविष्य में भी महती उपयोगिता बताते हुए कामना की कि एैसे आयोजन बीच बीच में होते रहें ताकि हम कलमकारों को भी सकारात्मक उर्जा मिलती रहे । BRAHMAKUMARIS ‘Gyan Sagar’, Gyan Marg NEEMUCH – 458441 (M.P.) Ph. No. 07423 220676, M. 9424033402 E-Mail : [email protected] [email protected]
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जीरन (नीमच) में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम

शिव धाम का यह पवित्र भवन नगर को आध्यात्म की नई दिशा देगा – बी.के.सूर्य भाई
जीरन में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम सम्पन्न
नीमच (जीरन) : ‘‘जीरन नगरी में बना यह नवीन ‘शिव धाम’ अपनी आध्यात्मिक किरणों के द्वारा नगर में निरंतर सुख-शांति के प्रकम्पन्न प्रवाहित करेगा । इसके सुन्दर हॉल में हमेशा सेवाओं के कार्यक्रम चलते रहेंगे तथा विशेष ध्यान कक्ष के शक्तिशाली वाईब्रेशन हर राजयोग साधक को आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण कर आंतरिक खुशी प्रदान करेगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्व
विख्यात प्रेरक वक्ता, मानस मर्मज्ञ एवं संकल्प सिद्ध योगी ब्रह्माकुमार सूर्य भाई जी ने अपने वक्तव्य में कहे । आप यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ की विशाल दो मंजिला भवन के दिव्य प्रवेश के अवसर पर पधारे थे । आपके साथ ही प्रेरक वक्ता, दिव्य प्रभा एवं साहित्स सृजक, अन्तर्राष्ट्रीय विभूति राजयोगिनी बी.के.गीता बहन जी भी उपस्थित थे । दोनों विशिष्ट अतिथि द्वय ने शिवधाम के प्रवेश द्वार
पर ओम शान्ति की ध्वनि के साथ नारियल फोड़कर तथा फीता काटकर दिव्य प्रवेश किया तथा शिव भोलानाथ के भण्डारे में अपने हाथों से भोग प्रसादी बनाई, तत्पश्चात बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करके आध्यात्मिक सेवाओं के लक्ष्य देकर मार्गदर्शन दिया ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निर्भय, निश्चिंत और खुशहाल जीवन के लिए टिप्स देने वाले कार्यक्रम ‘सुख शांति की ओर कदम..’ का शुभारंभ अतिथि द्वय ने राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी, राजयोगी बी.के.सुरेन्द्र भाई, बी.के.श्रुति बहन, बी.के.ज्योति बहन एवं बी.के.वर्षा बहन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया । अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश जी
मेहता एवं पूर्व न.पं.अध्यक्ष जीवराज धानुक ने किया । बी.के.सूर्य भाई जी तथा राजयोगिनी बी.के.गीता दीदी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से सभी को लाभान्वित किया तथा खुशहाल जीवन शैली के अनेक सहज, सरल उपाय बताऐ । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया तथा आभार प्रदर्शन बी.के.सुरेन्द्र भाई ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन द्वारा किया गया ।
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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्व स्तर पर मनाया गया

ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्व स्तर पर मनाया गया
नीमच : अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा ने आध्यात्मिक रूप से संपूर्णता को प्राप्त कर 18 जनवरी-1969 को देह त्याग किया था । उनके स्मृति दिवस को संसार के 150 से अधिक देशों में विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष उनके 56 वें स्मृति दिवस को सारे विश्व में फैले ब्रह्माकुमारीज़ के हजारों सेवाकेन्द्रों द्वारा गहन मौन तपस्या एवं दिव्य सत्संग के विशाल आयोजन कर मनाया गया । इसी श्रंखला में संस्थान के नीमच सबझोन एरिया के नीमच, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़, पिपलिया मण्डी व नारायणगढ़ सेवाकेन्द्रों के साथ ही अनेक ग्रामीण केन्द्रों पर भी ब्रह्मा बाबा का 56वां स्मृति दिवस मनाया गया ।
इस विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत ्ब्रह्ममुहुर्त अमृतवेला 3.30 बजे से ही सामुहिक राजयोग ध्यान तपस्या से हुई, जिसमें भारी ठंड होने के बावजूद 3.30 बजे से ही 50 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया । तत्पश्चात प्रात: 6 से 11 बजे तक लगातार चले कार्यक्रम में राजयोग मेडिटेशन, ईश्वरीय महावाक्यों की मुरली क्लास, प्रात: कालीन भोग के पश्चात उपस्थित 500 से अधिक ब्रह्मावत्सों को विशेष गाजर का दूध तथा चार प्रकार के फल वितरित किये गए । राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी के संबोधन के बाद परमात्मा शिव को महाभोग स्वीकार करवाया गया । तत्पश्चात ब्रह्माबाबा के चरित्र दर्शन पर संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने अनुभव युक्त संस्मरण सुनाऐ तथा रनिंग कॉमेन्ट्री द्वारा राजयोग तपस्या में परम शांति की अनुभूति कराई गई । कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी सैकड़ों ब्रह्मावत्सों को महाभोग प्रसादी वितरित की गई । कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति दीदी ने किया ।

देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।
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मेडिटेशन से हमारी वाणी में मधुरता, कर्मों में श्रैष्ठता और स्वभाव में सरलता आती है
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शिवरात्रि के विशाल आध्यात्मिक समागम में हजारों लोग सम्मिलित हुए