नीमच में नि:स्वार्थ सेवाओं का विस्तार देख प्रसन्नता मिली – महाप्रबन्धक ब्रह्माकुमारी संस्थान की महाप्रबन्धक बी.के.मुन्नी दीदीजी का दो दिवसीय नीमच भ्रमण नीमच : दि . 16.4.18 “ब्रह्माकुमारी संस्थान का परिचय उसके विस्तार अथवा वैभव से नहीं बल्कि नि:स्वार्थ भाव से अपने ही तन, मन, धन से की जा रही मानव सेवाओं केविस्तार से है । आमतौर पर धर्म के नाम पर चन्दा उगाही अथवा मान, शान एवं पद की दौड़ मेंअनेकानेक सेवाभावी संस्थान उलझ कर रह गए हैं किन्तु ब्रह्माकुमारी संस्थान पिछले 82 वर्षों से शून्य से प्रारंभ होकर 148 देशों में लगभग 9000 शाखाओं का विस्तार पाकर भी नि:स्वार्थ मानव सेवा के अपने लक्ष्य पर निरंतर अग्रसर है । किसी भी विवाद से परे रहकरब्रह्माकुमारी संस्थान के लाखों भाई बहन स्वर्णिम भारत की स्थापना में अपना अथक योगदान दे रहे हैं और इसी का एक जीता जागता सबूत नीमच जिले में देखने को मिला, जहाँनीमच केन्ट, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़ एवं पिपलिया मण्डी केन्द्रों के हजारों भाई बहन निरन्तर विभिन्न सेवा कार्यक्रमों के माध्यम से सतत्सेवारत हैं ।” उपरोक्त विचार अंतर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान की महाप्रबन्धक राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मुन्नी दीदी जी ने अपने नीमच प्रवास पर आयोजित विशालआध्यात्मिक समागम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने नीमच सबझोन से सम्बन्धित सभी केन्द्रों की गतिविधियों की बारिकी से जानकारी ली एवं की जा रही सेवाओं कोदेखकर प्रसन्नता व्यक्त की । बी.के.मुन्नी दीदी जी के नीमच आगमन पर डूंगलावदा हाईवे फंटे पर ब्रह्माकुमारी महानन्दा बहन एवं दिव्या बहन ने स्वागत किया एवं एक छोटे काफिलेके रूप में फव्वारा चौक होकर ज्ञान मार्ग स्थित नीमच के मुख्य केन्द्र ज्ञान सागर परिसर में प्रवेश किया जहाँ सबझोन डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई एवं सबझोन प्रभारी बी.के.सविताबहन ने तिलक एवं माल्यार्पण से स्वागत किया, साथ ही नन्ही नन्ही बालिकाओं ने एवं उपस्थित जनसमुदाय ने पुष्प वर्षा कर मुन्नी दीदी जी का स्वागत सत्कार किया । शाम कोमुन्नी दीदी जी एवं उनके साथ माउण्ट आबू मुख्यालय से पधारे अन्य भाई बहनों के सम्मान में सदभावना सभागार की विशाल छत पर ठंडी–ठंडी हवाओं की बयार में केण्डल लाईटडिनर का आयोजन किया गया । इस अवसर पर ज्ञान सागर परिसर में एक विशाल आध्यात्मिक समागम आयोजित किया गया जिसमें नीमच सबझोन से सम्बन्धित सभीब्रह्माकुमारी केन्द्रों से पधारे लगभग 1500 भाई–बहनों की विशाल सभा में मुन्नी दीदी जी का अभिनन्दन किया गया । इस अवसर पर विश्व शांति एवं अज्ञान अंधकार दूर हटाने केसंकल्प से दीप प्रज्जवलित किये गए । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया एवं गोल्डन फरिश्ता स्वागत नृत्य बहन वंदना सोनी एवं भावना कस्तुरी से प्रस्तुत किया गया एवंबहन सोनल गुजराती द्वारा “मेरे सदगुरू प्यारे दा दरबार बड़ा सोणा है..” गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया; तत्पश्चात तिलक, पगड़ी, चुनरी एवं विशाल पुष्पमाल से मुन्नी दीदी जीका श्रंगार एवं स्वागत किया गया ।
ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन की अभूतपूर्व सफलता जावद, जिला नीमच : पिछले कुछ वर्षों से जावद नगर में साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति बनी...
Councillor Om Kabra expressed his gratitue to Brahma Kumaris for walking everyone towards a stress free life , and BK Savita shared that when the soul...
जीवन के सफर का आनन्द लेने के लिए मन बुद्धि को हल्का रखें संतुलित आहार, एक्सरसाईज और मेडिटेशन ही खुशहाल जीवन का आधार–डॉ. प्रेम रामपुरा : दि 25.12.17 “जिन्दगी एक सफर है.. रोज आगे बढ़ते चलो… लेकिन मन बुद्धि पर जितना बोझ कम होगा नकारात्मक संकल्प नहीं होंगे तो सफर सुहाना लगेगा… हमेशा नयेपन को स्वीकार कर अंगिकार करते चलें.. हम अपने आपको हरपरिस्थिति से समायोजित करके यदि जीना सीख जाएें तो जिन्दगी मनोरंजन अनुभव होगी अन्यथा बोझ बन जाएगी ।” उपरोक्त विचार अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तनाव मुक्ति विशेषज्ञ एवं प्रेरक वक्ता डॉ. प्रेम मसंद ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के ‘शिव शिखर’ केन्द्र पर आयोजित कार्यक्रम ‘आओ खुशियों की राह चले’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किये आपने बताया कि “केवल १५-20 वर्षों में ही ह्रदय रोग, डायबिटिज, स्पोंडिलाईटिस और घुटनों के दर्द की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं , इनका इलाज दवाईयों से नाम मात्रहोता है वास्तव में तो वर्तमान समय मनुष्य का शरीर इलास्टिक की जगह प्लास्टिक होता चला जा रहा है, इसका कारण नकारात्मक चिंतन और असंतुलित आहार एवं दिनचर्या है ।” डॉ. प्रेम मसंद ने बताया कि “दोनों पैर के निचले हिस्से भी दूसरे दिल के समानहैं इसलिए कम से कम 10 हजार कदम नियमित रूप से पैदल चलना चाहिए ।” जीवन की खुशहाली का रहस्य बताते हुए डॉ. प्रेम ने कहा कि हमें स्वयं पर विश्वास के साथ–साथ स्वयं का सम्मान भी रखना है यदि हम ही खुद का सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरा कैसेकरेगा .. हमेशा नकारात्मक बातें करके रोते रहने की आदत अच्छी नहीं । अनेकानेक दिव्यांग एवं गरीब वर्ग के लोगों ने बहुत बड़ी बड़ी सफलताएें हांसिल करके विश्व में नाम कमाया है । स्वयं पर विश्वास और दृढ़ता पैदा करने के लिए नियमित रूप से राजयोगमेडिटेशन का अभ्यास बहुत अधिक सहायक सिद्ध हुआ है ।
जब हमारे विचारों में अपवित्रता, व्यर्थ और निगेटिविटी बढ़ जाती है तभी भय का जन्म होता है । हमें अपने विचारों का निरिक्षण और विश्लेषण करना...
नवरात्रि पर ब्रह्माकुमारी संस्थान में भव्य सांस्कृतिक संध्या सम्पन्न 1500 से अधिक लोगों ने एकटक और अचंभित होकर कार्यक्रम को निहारा नीमच : नवरात्रि पर नवदुर्गा...
ब्रह्माकुमारी संस्थान में 500 से अधिक लोगों ने तिलक होली मनाकर पानी बचाने का संकल्प लिया और सादगी से त्यौहार मनाकर अपना संकल्प पूरा किया होली...
नारी को आधुनिकता के साथ साथ आध्यात्मिकता का संतुलन भी बनाना होगा – बी.के.सविता दीदी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सी.आर.पी.एफ.में महिला सशक्तिकरण का कार्यक्रम सम्पन्न नीमच...