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जावद के इतिहास में पहली बार सभी धर्मों के नेता एक मंच पर एक सुर में बोले

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ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन की अभूतपूर्व सफलता

जावद, जिला नीमच : पिछले कुछ वर्षों से जावद नगर में साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति बनी रही है जिस कारण हिन्दू अथवा मुस्लिम किसी भी धर्म के पर्व पर यह तनाव स्पष्ट परिलक्षित होता है । सभी स्तरों पर अनेक प्रकार के प्रयास एवं समझाईश देने के बाद भी कोई झुकने को तैयार नहीं एवं स्थिति जस की तस बनी रही, इसी दिशा में अंतर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा एक अत्यन्त सफल प्रयास किया गया । संस्थान के जावद राजयोग साधना केन्द्र द्वारा ‘सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन’ का आयोजन किया गया जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, विश्व हिन्दू परिषद एवं गायत्री परिवार के नगर अथवा जिला प्रमुख धर्माचार्यों से सम्पर्क कर इस सद्भावना सम्मेलन में आमंत्रित किया गया । सभी धर्मों एवं संस्थाओं के प्रमुखों ने सहर्ष इस सम्मेलन में भाग लेने की स्वीकृति प्रदान की और पहली बार जावद के इतिहास में सभी धर्मों के नेता एक मंच पर एकत्रित होकर कार्यक्रम संचालक बी.के.सुरेन्द्र भाई एवं ब्रह्माकुमारी सविता दीदी के आव्हान पर सभी ने हाथोें में हाथ लेकर सद्भावना की एक अटूट श्रंखला बनाई एवं एक सुर में सभी ने जावद नगर में शांति एवं सद्भावना की बहाली का दृढ़ संकल्प लिया । इस अवसर पर सभी धर्मों के अनुयायियों का स्वांग रचकर नन्हें नन्हें बच्चों ने भी धार्मिक एकता एवं सद्भावना का संदेश दिया ।

इस सम्मेलन की शुरूआत कौमी एकता के सुन्दर गीत ‘सबका मालिक एक फिर क्यों बंटा हुआ संसार है.. सच पूछो तो सारी दुनिया अपना ही परिवार है..’ की धुन पर सभी धर्माचार्यों ने शांति एवं सद्भावना के दीप प्रज्जवलित किये तो मंच के सम्मुख उपस्थित सैंकड़ों नगरवासियों ने भी दीप प्रज्जवलित कर एवं हाथ उंचे उठाकर जैसे सद्भावना की दीपावली का दृश्य जीवन्त कर दिया । हर किसी का चेहरा खिला हुआ था । इस सद्भावना सम्मेलन का समर्थन एवं सहयोग परमात्मा एवं प्रकृति ने भी किया जबकि कार्यक्रम के पूर्व हल्की हल्की पानी की फुहार और ठण्डी हवाओं ने सारे वातावरण को सौंधी सौंधी महक से महका दिया । दीप प्रज्जवलन के पश्चात् कु. अवनि ने सुन्दर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया, इस कार्यक्रम की संयोजिका ब्रह्माकुमारी दिव्या बहन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करने के पश्चात् संस्थान की सबझोन संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, महानन्दा दीदी एवं श्रुति बहन के सहयोग से सभी मंचासीन धर्माचार्यों का शॉल, श्रीफल एवं गुलदस्ते भेंट कर सम्मान किया गया । तत्पश्चात नन्हें बालकों के एक ग्रुप ने सभी धर्म प्रतिनिधियों का स्वांग रचकर एक सुन्दर सद्भावना नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जिसमें कु. रिद्धि टेलर, गुनगुन, परी, प्रीत, आराध्या एवं अनुष्का ने भाग लिया । प्रत्येक धर्म के प्रतिनिधियों जिनमें जैन समाज से श्री नरेन्द्र गांधी, बोहरा समाज से श्री युसुफ भाई, विश्व हिन्दू परिषद से श्री बाबूलाल नागदा, सिख समाज से श्री हरभजन सिंह सलूजा, हिन्दू समाज से श्री रामलाल पाटीदार, मुस्लिम समाज से शहर काजी सैय्यद मोहम्मद आकील भाई, गायत्री परिवार से श्री कमल एरन एवं ईसाई समुदाय से कार्मल कॉन्वेंट स्कूल की प्रिंसीपल सिस्टर जया सीटीसी एवं नगर पंचायत अध्यक्षा श्रीमती सारिका वोरा आदि सभी ने एक सुर में अपने सम्बोधन में मानव मात्र में प्रेम, शांति, एकता एवं सद्भावना की आवश्यकता पर जोर दिया एवं अपने स्तर जावद नगर में सद्भावना बहाली के लिए हर प्रयास करने का दृढ़ संकल्प धारण किया । इसपर सम्मेलन में उपस्थित विशाल जनसमुदाय ने हर्ष ध्वनि कर एवं तालियों की गड़गड़ाहट से सभी धर्माचायों का अभिनन्दन किया । कार्यक्रम की अध्यक्षा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता बहन ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि “हमें धर्म और जाति की दरो दीवार से उंचा उठकर आध्यात्मिक बनना होगा जिसमें सब धर्मों का सार सुख, शांति, प्रेम एवं सद्भावना समाई हुई है । आपने सभी धर्माचार्यों को धन्यवाद दिया कि जावद नगर में शांति एवं सद्भावना की बहाली के लिए सभी ने हाथ में हाथ लेकर दृढ़ संकल्प धारण किया । कार्यक्रम की अन्तिम कड़ी में बहन वन्दना सोनी एवं सोनम गुजराती ने समय की पुकार है.. शीर्षक से सद्भावना के एक सुन्दर गीत पर एक सुन्दर नृत्य प्रस्तुत कर सभी की वाह वाही और खूब तालियाँ बटोरी । इस कार्यक्रम के संचालक ब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपनी सटिक और समसामयिक टिप्पणियों एवं सद्भावना की शेरो शायरी से कार्यक्रम का समां बांधा और देर रात तक चले इस सम्मेलन में जीवंतता बनाए रखी । कार्यक्रम के अंत में सभी धर्माचार्यों को शांति एवं सदभावना के संदेश युक्त साहित्य एवं उपहार प्रदान किये गए तथा उपस्थित विशाल जनसमुदाय मेें प्रत्येक को पवित्र प्रसाद प्रदान किया गया ।

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जीरन (नीमच) में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम

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शिव धाम का यह पवित्र भवन नगर को आध्यात्म की नई दिशा देगा – बी.के.सूर्य भाई

जीरन में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम सम्पन्न

नीमच (जीरन) : ‘‘जीरन नगरी में बना यह नवीन ‘शिव धाम’ अपनी आध्यात्मिक किरणों के द्वारा नगर में निरंतर सुख-शांति के प्रकम्पन्‍न प्रवाहित करेगा । इसके सुन्दर हॉल में हमेशा सेवाओं के कार्यक्रम चलते रहेंगे तथा विशेष ध्यान कक्ष के शक्तिशाली वाईब्रेशन हर राजयोग साधक को आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण कर आंतरिक खुशी प्रदान करेगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व

विख्यात प्रेरक वक्‍ता, मानस मर्मज्ञ एवं संकल्प सिद्ध योगी ब्रह्माकुमार सूर्य भाई जी ने  अपने वक्तव्य में कहे । आप यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ की विशाल दो मंजिला भवन के दिव्य प्रवेश के अवसर पर पधारे थे । आपके साथ ही प्रेरक वक्ता, दिव्य प्रभा एवं साहित्स सृजक, अन्तर्राष्ट्रीय विभूति राजयोगिनी बी.के.गीता बहन जी भी उपस्थित थे । दोनों विशिष्ट अतिथि द्वय ने शिवधाम के प्रवेश द्वार

पर ओम शान्ति की ध्वनि के साथ नारियल फोड़कर तथा फीता काटकर दिव्य प्रवेश किया तथा शिव भोलानाथ के भण्डारे में अपने हाथों से भोग प्रसादी बनाई, तत्‌पश्‍चात बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करके आध्यात्मिक सेवाओं के लक्ष्य देकर मार्गदर्शन दिया ।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निर्भय, निश्चिंत और खुशहाल जीवन के लिए टिप्स देने वाले कार्यक्रम ‘सुख शांति की ओर कदम..’  का शुभारंभ अतिथि द्वय ने राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी, राजयोगी बी.के.सुरेन्द्र भाई, बी.के.श्रुति बहन, बी.के.ज्योति बहन एवं बी.के.वर्षा बहन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया ।  अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश जी

मेहता एवं पूर्व न.पं.अध्यक्ष जीवराज धानुक ने किया । बी.के.सूर्य भाई जी तथा राजयोगिनी बी.के.गीता दीदी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से सभी को लाभान्वित किया तथा खुशहाल जीवन शैली के अनेक सहज, सरल उपाय बताऐ । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया तथा आभार प्रदर्शन बी.के.सुरेन्द्र भाई ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन द्वारा किया गया ।

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया
नीमच : अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा ने आध्यात्मिक रूप से संपूर्णता को प्राप्‍त कर 18 जनवरी-1969 को देह त्याग किया था । उनके स्मृति दिवस को संसार के 150 से अधिक देशों में विश्‍व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष उनके 56 वें स्मृति दिवस को सारे विश्‍व में फैले ब्रह्माकुमारीज़ के हजारों सेवाकेन्द्रों द्वारा गहन मौन तपस्या एवं दिव्य सत्संग के विशाल आयोजन कर मनाया गया । इसी श्रंखला में संस्थान के नीमच सबझोन एरिया के नीमच, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़, पिपलिया मण्डी व नारायणगढ़ सेवाकेन्द्रों के साथ ही अनेक ग्रामीण केन्द्रों पर भी ब्रह्मा बाबा का 56वां स्मृति दिवस मनाया गया ।
इस विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत ्ब्रह्ममुहुर्त अमृतवेला 3.30 बजे से ही सामुहिक राजयोग ध्यान तपस्या से हुई, जिसमें भारी ठंड होने के बावजूद 3.30 बजे से ही 50 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया । तत्‌पश्‍चात प्रात: 6 से 11 बजे तक लगातार चले कार्यक्रम में राजयोग मेडिटेशन, ईश्‍वरीय महावाक्यों की मुरली क्लास, प्रात: कालीन भोग के पश्‍चात उपस्थित 500 से अधिक ब्रह्मावत्सों को विशेष गाजर का दूध तथा चार प्रकार के फल वितरित किये गए । राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी के संबोधन के बाद परमात्मा शिव को महाभोग स्वीकार करवाया गया । तत्‌पश्‍चात ब्रह्माबाबा के चरित्र दर्शन पर संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने अनुभव युक्त संस्मरण सुनाऐ तथा रनिंग कॉमेन्ट्री द्वारा राजयोग तपस्या में परम शांति की अनुभूति कराई गई । कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी सैकड़ों ब्रह्मावत्सों को महाभोग प्रसादी वितरित की गई । कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति दीदी ने किया ।

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देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्‍न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत ‍में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।

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Brahma Kumaris Neemuch