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पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मबाबा का 51 वां स्मृति दिवस ‘विश्व बंधुत्व’ दिवस के रूप में मनाया गया

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ब्रह्माबाबा का हर कर्म व चरित्र विश्व के आगे अनुकरणीय है-सविता दीदी

दि.19.1.2020,       “विश्व परिवर्तन की ईश्वरीय प्रक्रिया के अन्तर्गत वर्तमान समय कलियुग के साथ-साथ युग परिवर्तन हेतु कल्याणकारी पुरूषोत्तम संगमयुग भी वर्तमान समय जारी है । इस पुरूषोत्तम संगम युग में स्वयंभू निराकर सर्वशक्तिवान परमात्मा शिव अपनी परिवर्तन प्रक्रिया के लिए साकार माध्यम के रूप में प्रजापिता ब्रह्माबाबा को निमित्त बनाते हैं । सन् 1937 से जनवरी 1969 तक केवल 33 वर्षों  में ही अपनी गहन राजयोग तपस्या एवं तन-मन-धन के संपूर्ण समर्पण से नवविश्व निर्माण में उन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया जिसके परिणाम स्वरूप युग परिवर्तन का यह ईश्वरीय आंदोलन आज 140 से अधिक देशों तक पहुंच चुका है तथा ब्रह्माकुमारी संस्थान के हजारों सेवाकेन्द्रों के माध्यम से लाखों ब्रह्मावत्स अपने तन-मन-धन से स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन के कार्य में सहयोगी बन रहे हैं । ब्रह्माकुमारी संस्था के ये अथक प्रयास व राजयोग की शिक्षा ही संसार में आमूल चूल परिवर्तन का आधार है । संस्कार परिवर्तन से संसार परिवर्तन की यह प्रकिया दिन दूनी-रात चौगुनी बढ़कर अतिशीघ्र ही विश्व के सामने सतयुगी स्वर्णिम अखण्ड भारत का चित्र खींच देगी । जहाँ आदि सनातन देवत्व की स्थापना होकर 33 कोटि देवताओं का सर्वगुण सम्पन्न, 16 कला संपूर्ण, अटल-अखण्ड स्वर्णिम संसार इस धरा पर साकार होगा ।” उपरोक्त विचार ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका बी.के.सविता बहन एवं एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने मिले-जुले रूप से व्यक्त किये ।

ब्रह्म मुहुर्त में 3.30 बजे से ही प्रारंभ गहन राजयोग तपस्या, विशाल सत्संग एवं महाभोग आदि कार्यक्रमों में नीमच शहर के 700 से अधिक ब्रह्माकुमार-कुमारी भाई-बहनों ने भाग लिया । इस अवसर पर अनेक प्रेरणादायी संस्मरण एवं आडियो विज्युअल प्रेजेंटेशन द्वारा ब्रह्माबाबा के जीवन पर लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई । इस कार्यक्रम का सर्वाधिक आर्कषण यह था कि संस्थान के मुख्यालय पाण्डव भवन, माउण्ट आबू के सुप्रसिद्ध अलौकिक चार धाम की हू-बहू अनुकृति जिनमें शांति स्तम्भ,हिस्ट्री हॉल व बाबा कुटीर तथा पिताश्री ब्रह्माबाबा का आवासीय कक्ष निर्मित किये गए थे जिनके दर्शनार्थ सैंकड़ों भाई-बहनें कतारबद्ध होकर उसका दर्शन एवं तप लाभ लेते रहे । ये चारों अलौकिक धाम पूरा जनवरी माह ही दर्शन एवं तप के लिए उपलब्ध रहेंगे । कार्यक्रम के प्रारंभ एवं अंत में दो बार दिव्य महाभोग प्रसादी वितरित की गई ।

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ब्रह्माकुमारीज़ ‘पावन धाम’ में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया

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ब्रह्माकुमारीज़ ‘पावन धाम’ में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया
नीमच : 15 अगस्त, ब्रह्ममुहुर्त्त अमृतवेला में 3.30 बजे से देश को स्वतंत्रता दिलाने में हुए बलिदानियों को याद करके गहन राजयोग तपस्या की गई । तत्‌पश्‍चात प्रात: 6 से 8.30 बजे तक नित्य प्रात:कालीन दिव्य सत्संग एवं सामुहिक राजयोग ध्यान के पश्‍चात पावन धाम परिसर में श्री श्री राजयोगेश्‍वर शिव मंदिर के सम्मुख ब्रह्माकुमारीज़ सबझोन संचालिका बी.के.सविता दीदी व सबझोन निदेशक बी.के.सुरेन्द्र भाई ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से बी.के.श्रुति बहन, बी.के.ज्योति बहन सहित अन्य ब्रह्माकुमारी बहनों की उपस्थिति भी थी। राष्ट्रीय पर्व के इस अवसर पर बड़ी संख्या मे उपस्थित बी.के.भाई बहनों को बी.के.सविता दीदी ने राष्ट्रप्रेम व राष्ट्रहित के लिए अपने तन-मन-धन से सेवा करने की शपथ दिलाई गई । अंत में सभी को महाभोग की प्रसादी वितरित की गई ।

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Neemuch City

शिवरात्रि के विशाल आध्यात्मिक समागम में हजारों लोग सम्मिलित हुए

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नीमच : ब्रह्माकुमारीज़ ईश्‍वरीय विश्‍व विद्यालय द्वारा आयोजित शिवरात्रि आध्यात्मिक समागम ब्रह्ममुहुर्त से लेकर देर रात तक चलता रहा । इस समागम में लगभग 8000 से अधिक लोग सम्मिलित हुए । प्रात:कालीन सत्र में शिवध्वजारोहण, आध्यात्मिक सत्संग और महाभोग का आयोजन हुआ तथा सांध्यकालीन सत्र में विशाल शिव दर्शन आध्यात्मिक प्रदर्शनी, द्वादश ज्योर्तिर्लिंगम की सुंदर विशाल झांकी, विशाल सद्‌भावना सभागार में निरंतर आध्यात्मिक फिल्मों का प्रदर्शन व राजयोग साधना पिरामिड में कतारबद्ध होकर भक्तों द्वारा दर्शन व योग साधना का लाभ लिया गया । इस अवसर पर लगभग 1000 लोगों ने विश्‍व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय विभूति बी.के.शिवानी जी के नीमच में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में रजिस्ट्रेशन करवाकर नि:शुल्क प्रवेश पत्र भी लिये ।

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक ब्रह्माबाबा का 146 वाँ जन्मोत्सव सारे विश्‍व में मनाया गया

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नीमच : दि. 15 दिसम्बर,  अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व विद्यालय की स्थापना सन्‌ 1937 में हुई थी । विश्‍व के 150 देशों में संचालित इस विराट भारतीय संस्थान के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्माबाबा का लौकिक जन्म  15 दिसम्बर-1876 को हुआ था, आज उनका 146 वाँ जन्मोत्सव सारे विश्‍व में ‘आध्यात्मिक सशक्तिकरण दिवस’ के रूप में मनाया गया । ब्रह्माकुमारीज़ के नीमच सबझोन के अन्तर्गत आने वाले ब्रह्माकुमारी केन्द्र नीमच, बघाना, नीमच सिटी, मनासा, रामपुरा, जावद, मल्हारगढ़, जीरन, पिपलिया मण्डी व नारायणगढ़ आदि सभी केन्द्रों पर ब्रह्माबाबा का जन्मोत्सव हर्षोल्‍लास के साथ मनाया गया । अमृतवेला ब्रह्ममुहुर्त्त से ही सामुहिक राजयोग ध्यान तपस्या प्रारंभ हुई तथा प्रात:कालीन सत्संग सभाओं में ब्रह्माबाबा के दिव्य चरित्र व उनके विश्‍व कल्याण के प्रति किये गए कार्यों को विस्तार से बताया गया । सबझोन मुख्यालय नीमच के विशाल सद्‌भावना सभागार में संचालिका राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने दिव्य सत्संग व ब्रह्माबाबा के प्रमुख वृत्तांत सुनाऐ तथा एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने आध्यात्मिक जीवन के अपने पिछले 49 वर्षों के दौरान ब्रह्माबाबा के सूक्ष्म सानिध्य की अनुभूति के अनेक उदाहरण सुनाऐ । अंत में दीप प्रज्जवलन व केक कटिंग सेरेमनी भी की गई तथा सर्वशक्तिवान परमात्मा को महाभोग भी स्वीकार करवाया गया जिसे नीमच केन्द्र पर उपस्थित 500 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों को वितरित किया गया ।

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Brahma Kumaris Neemuch