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Neemuch

असफलता से निराश न हों यही तो सफलता की पहली सीढी है- डॉ. स्वामीनाथन

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‘केरियर प्रेशर एन्ड मेन्टल हैल्थ’ कार्यक्रम में 600 से अधिक युवाओं ने भाग लिया।
नीमच : ‘‘मानसिक दबाव कम करने के लिए किसी भी विषय पर बहुत अधिक सोचना बंद कर देना चाहिए.. जब अनिर्णय की स्थिति हो तब कुछ समय के लिए उसे होल्ड पर डाल दो.. और एक नींद की झपकी लो उसके बाद फिर से सोचो.. निर्णय सकारात्मक मिलेगा’’ उपरोक्त विचार ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा युवा वर्ग के लिए आयोजित कार्यक्रम ‘केरियर प्रेशर एण्ड मेन्टल हेल्थ’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्‍व विख्यात प्रेरक वक्‍ता व मानव मनोविज्ञान के गहन ज्ञाता प्रोफेसर (डॉ.) ई.वी.स्वामीनाथन ने व्यक्त किये । इस कार्यक्रम की अति विशाल सभा जिसमें ज्ञान मंदिर लॉ कॉलेज, श्री जाजू शा. कन्या महाविद्यालय, श्री विवेकानन्द पी.जी.कॉलेज, ज्ञानोदय कॉलेज के अलावा विभिन्‍न प्रोफेशन से जुड़े 500 से अधिक युवा सम्मिलित थे । इन युवाओं से खेल-खेल में एवं बहुत ही जॉली मूड में डॉ. स्वामीनाथन ने संवाद किया और कहा कि – ‘‘हर युवा अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से सपने अवश्य देखे, किन्तु ये सपने रात वाले नहीं दिन में खुली आंख से देखे और उन सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से प्रयत्न करे तो सफलता अवश्य ही होगी ।’’ डॉ. स्वामीनाथन ने इन युवाओं में रोजगार के लिए लिए जाने वाले इन्टरव्यू के प्रेशर को कम करने के लिए बहुत सहज उपाय बताया कि ‘‘इन्टरव्यू से पहले 15 मिनिट मेडिटेशन करके अपने मन को स्थिर और रिलेक्स करके अपने को तैयार करें । यदि किसी प्रश्‍न का उत्तर नहीं भी आता तब भी न घबराऐं, न तनाव पालें, उसे पास आउट कर दें लेकिन गलत उत्तर नहीं दें’’
आपने युवाओं को उमंग उत्साह में लाने के लिए एक सरल उपाय बताया कि ‘‘इन्टरव्यू का ऐैसा प्रत्याक्षी जिसे एक भी सवाल का जवाब नहीं आता हो और यदि वो हल्की सी मुस्कान अपने चेहरे पर रख सके तो इन्टरव्यू क्या जीवन की हर परीक्षा में वो आगे चलकर पास अवश्य होगा । आपने सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टाईन का उदाहरण देते हुए बताया कि एक औसत बुद्धि वाले विद्यार्थी थे किन्तु अपने हौंसलों और दृढ़ता से उन्होंने सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्‍त किया । आइंस्टीन भी अधिकांश समय एकांत वास जिसे मेडिटेशन भी किया करते थे’’ डॉ. स्वामीनाथन ने भारत की सर्वोच्च प्रतियोगी परिक्षा यू.पी.एस.सी. में इतना कम रिजल्ट आने का कारण बताया प्रत्याशियों में अप्रत्याशित तनाव उत्पन्‍न हो जाना । आपने युवाओं को एक खुशखबरी भी सुनाई कि अब जल्‍दी ही इन्टरव्यू और जॉब सिस्टम समाप्‍त होगा । अब हरेक का अपना स्किल ही उसे सफल बना सकेगा । आगे का युग स्कील बेस्ड प्रोफेशन का है ।
डॉ. स्वामीनाथन ने पूरे मनोयोग से 90 मिनिट का समय लेकर ऑडियो विजुअल ग्राफिक्स और मोटिवेशनल विडियो दिखाकर महिला युवा वर्ग और पुरूष युवावर्ग दोनों को प्रोत्साहित किया । आपने यह गुरूमंत्र दिया कि ध्यान शब्द का प्रयोग हम जाने कितनी बार करते हैं, ध्यान ही तो मेडिटेशन है । आपने मेडिटेशन की सरल व्याख्या के साथ मेडिटेशन को सफलता का आधार बताते हुए इसे अपनाने की सलाह दी, साथ ही कार्यक्रम मध्य में राजयोग तपस्विनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने युवाओं को गहन शां‍ति व एकाग्रता का अनुभव कॉमेन्ट्री के माध्यम से करवाया । कार्यक्रम की शुरूआत में डॉ. स्वामीनाथन, बी.के.सविता दीदी, बी.के.सुरेन्द्र भाई के साथ ही लॉ कॉलेज के प्रिंसीपल श्री विवेक नागर, कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य श्री डबकराजी, ज्ञानोदय शिक्षण संस्थान की निदेशिका श्रीमती माधुरी चौरसिया आदि ने दीप प्रज्‍जवलित कर युवाओं के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा कार्यक्रम के दौरान डॉ. स्वामीनाथन ने युवाओं को कुछ चुनौतीपूर्ण गेम भी खिलाए साथ ही क्वीज़ की विजेता कु.मानसी को सविता दीदी ने पुरूस्कृत भी किया । कार्यक्रम के अन्त में लगभग 600 युवाओं एवं चारों कॉलेज के स्टॉफ को प्रसाद के पैकेट वितरित किये गए । इस कार्यक्रम की खास बात यह थी कि ब्रह्माकुमारीज़ का पूरा पावन धाम परिसर युवाओं से खचाखच भरा था, विशाल सद्‌भावना सभागार भी बौना साबित हुआ जब उसमें तिल भर भी बैठने की जगह नहीं बची तो बाहर बरामदे में बैठक व्यवस्था की गई फिर भी अनेक युवा खड़े ही रहे लेकिन सभी में खुशी और उमंग उत्साह की लहर देखी गई । विश्‍व की सर्वोच्च सीमा सियाचीन बार्डर पर ध्वजारोहण के दृश्य को सेल्यूट करते हुए राष्ट्रगान गाया गया ।

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जीरन (नीमच) में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम

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शिव धाम का यह पवित्र भवन नगर को आध्यात्म की नई दिशा देगा – बी.के.सूर्य भाई

जीरन में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम सम्पन्न

नीमच (जीरन) : ‘‘जीरन नगरी में बना यह नवीन ‘शिव धाम’ अपनी आध्यात्मिक किरणों के द्वारा नगर में निरंतर सुख-शांति के प्रकम्पन्‍न प्रवाहित करेगा । इसके सुन्दर हॉल में हमेशा सेवाओं के कार्यक्रम चलते रहेंगे तथा विशेष ध्यान कक्ष के शक्तिशाली वाईब्रेशन हर राजयोग साधक को आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण कर आंतरिक खुशी प्रदान करेगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व

विख्यात प्रेरक वक्‍ता, मानस मर्मज्ञ एवं संकल्प सिद्ध योगी ब्रह्माकुमार सूर्य भाई जी ने  अपने वक्तव्य में कहे । आप यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ की विशाल दो मंजिला भवन के दिव्य प्रवेश के अवसर पर पधारे थे । आपके साथ ही प्रेरक वक्ता, दिव्य प्रभा एवं साहित्स सृजक, अन्तर्राष्ट्रीय विभूति राजयोगिनी बी.के.गीता बहन जी भी उपस्थित थे । दोनों विशिष्ट अतिथि द्वय ने शिवधाम के प्रवेश द्वार

पर ओम शान्ति की ध्वनि के साथ नारियल फोड़कर तथा फीता काटकर दिव्य प्रवेश किया तथा शिव भोलानाथ के भण्डारे में अपने हाथों से भोग प्रसादी बनाई, तत्‌पश्‍चात बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करके आध्यात्मिक सेवाओं के लक्ष्य देकर मार्गदर्शन दिया ।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निर्भय, निश्चिंत और खुशहाल जीवन के लिए टिप्स देने वाले कार्यक्रम ‘सुख शांति की ओर कदम..’  का शुभारंभ अतिथि द्वय ने राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी, राजयोगी बी.के.सुरेन्द्र भाई, बी.के.श्रुति बहन, बी.के.ज्योति बहन एवं बी.के.वर्षा बहन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया ।  अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश जी

मेहता एवं पूर्व न.पं.अध्यक्ष जीवराज धानुक ने किया । बी.के.सूर्य भाई जी तथा राजयोगिनी बी.के.गीता दीदी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से सभी को लाभान्वित किया तथा खुशहाल जीवन शैली के अनेक सहज, सरल उपाय बताऐ । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया तथा आभार प्रदर्शन बी.के.सुरेन्द्र भाई ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन द्वारा किया गया ।

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया
नीमच : अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा ने आध्यात्मिक रूप से संपूर्णता को प्राप्‍त कर 18 जनवरी-1969 को देह त्याग किया था । उनके स्मृति दिवस को संसार के 150 से अधिक देशों में विश्‍व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष उनके 56 वें स्मृति दिवस को सारे विश्‍व में फैले ब्रह्माकुमारीज़ के हजारों सेवाकेन्द्रों द्वारा गहन मौन तपस्या एवं दिव्य सत्संग के विशाल आयोजन कर मनाया गया । इसी श्रंखला में संस्थान के नीमच सबझोन एरिया के नीमच, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़, पिपलिया मण्डी व नारायणगढ़ सेवाकेन्द्रों के साथ ही अनेक ग्रामीण केन्द्रों पर भी ब्रह्मा बाबा का 56वां स्मृति दिवस मनाया गया ।
इस विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत ्ब्रह्ममुहुर्त अमृतवेला 3.30 बजे से ही सामुहिक राजयोग ध्यान तपस्या से हुई, जिसमें भारी ठंड होने के बावजूद 3.30 बजे से ही 50 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया । तत्‌पश्‍चात प्रात: 6 से 11 बजे तक लगातार चले कार्यक्रम में राजयोग मेडिटेशन, ईश्‍वरीय महावाक्यों की मुरली क्लास, प्रात: कालीन भोग के पश्‍चात उपस्थित 500 से अधिक ब्रह्मावत्सों को विशेष गाजर का दूध तथा चार प्रकार के फल वितरित किये गए । राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी के संबोधन के बाद परमात्मा शिव को महाभोग स्वीकार करवाया गया । तत्‌पश्‍चात ब्रह्माबाबा के चरित्र दर्शन पर संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने अनुभव युक्त संस्मरण सुनाऐ तथा रनिंग कॉमेन्ट्री द्वारा राजयोग तपस्या में परम शांति की अनुभूति कराई गई । कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी सैकड़ों ब्रह्मावत्सों को महाभोग प्रसादी वितरित की गई । कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति दीदी ने किया ।

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देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्‍न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत ‍में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।

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Brahma Kumaris Neemuch