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Neemuch: आने वाली विकराल परिस्थितियों का सामना करने के लिए स्वस्थिती साक्षी बनाना आवश्यक है – राजयोगी सूर्य भाई

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ब्रह्माकुमारी संस्था के 2000 से अधिक भाई–बहनों ने गहन राजयोग तपस्या कर शांति की तरंगे फैलाई,

आने वाली विकराल परिस्थितियों का सामना करने के लिए स्वस्थिती साक्षी बनाना आवश्यक है – राजयोगी सूर्य भाई

ब्रह्माकुमारी संस्था के 2000 से अधिक भाई–बहनों ने गहन राजयोग तपस्या कर शांति की तरंगे फैलाई

नीमच :  दि. 22.12.18    विश्व विख्यात संकल्प सिद्ध राजयोगी, मानस मर्मज्ञ महर्षि, जो चुटकियों में और तत्काल  हर प्रकार की समस्या के समाधान का सहज उपाय बता देते हैं एैसे बाल ब्रह्मचारी राजयोगी सूर्य भाई सा. के नीमच आगमन पर दो दिवसीय गहन राजयोग तपस्या शिविर बंगला नं. 60 के विशाल एवं भव्य पाण्डाल में आयोजित किया गया जिसमें नीमच, जावद, मनासा, रामपुरा, जीरन, मल्हारगढ़, पिपलिया मण्डी आदि ब्रह्माकुमारी केन्द्रों के 2000 से अधिक राजयोगी भाई–बहनों ने भाग लिया । ब्रह्म मुहुर्त में अमृतवेला 3.30 बजे से शुरू होकर संध्या 7.30 बजे तक चलने वा इस अखण्ड राजयोग तपस्या से क्षेत्र का वातावरण शांति, प्रेम व आनन्द के प्रकम्पनों से भरपूर हो उठा । ये सैंकड़ो श्वेत वस्त्रधारी फरिश्ते तपस्या स्थल पर जब आते जाते तो इन्हें देखकर प्रत्येक राहगीर ठिठक सा जाता और उस राह से गुजरने वाला हर व्यकित जब पांडाल के समीप जाकर झांकता तो आश्चर्य चकित हो जाता कि2000 से अधिक लोगों की सभा में भी पूरा पाण्डाल  पिन ड्राप साइलेंस हो कैसे सकता है? किन्तु यह सत्य देखकर वे अचंभित हो जाते और कुछ पल वहीं ठहर कर उस गहन शांति को आत्मसात करने का प्रयास करने लगते । नीमच में यह नजारा अद्भुत था, इस विशाल आध्यात्मिक सभा को सम्बोधित करते हुए राजयोगी सूर्य भाई ने बताया कि “जिस विचार को हम अपने लिए स्वीकार कर लेते हैं चाहे वो नकारात्मक हो या सकारात्मक धीरे–धीरे हमारा वही स्वरूप बनता जाता है । यदि हम प्रभु प्रार्थना में सर्वशक्तिवान एवं वरदाता  परमात्मा के आगे भी अपने जीवन की दुखद घटनायें या अपने नसीब का रोना रोते रहते हैं तो हमारा भविष्य स्वरूप भी और अधिक विकृत होता चला जाता है । इसलिए राजयोग ध्यान पद्धति यह सिखाती है कि मेडिटेशन आत्मा और परमात्मा के सुखद मिलन का स्वरूप है । प्रभु ध्यान के समय हमें सकारात्मक और शक्तिशाली संकल्पों का आव्हान करके ईश्वरीय शक्तियों को अपने अन्दर खींचना है तो हमारा सामान्य जीवन भी आध्यात्मिक शक्तियोंसे सम्पन्न खुशहाल जीवन बन जाएगा ।” आपने कहा  कि “यदि हम परिस्थितियां बदb नहीं सकते तो उनको स्वीकार करके उनके अनुरूप स्वयं को ढालें तो जीवन सहज और सुखमय लगेगा अन्यथा लगातार संघर्ष की स्थिती तनाव और डिप्रेशन को बढ़ाती है ।” इस आध्यात्मिक समागम में माउण्ट आबू से पधारी मोटिवेशनल स्पीकर शिवशक्ति गीता दीदी ने राजयोग तपस्वियों को सलाह दी कि आप राजयोग की शक्तियों का प्रयोग जन कल्याण के लिए करें क्योंकि राजयोग से प्राप्त शक्तियां तनाव को आनन्द में, बीमारी को स्वास्थ्य में, दुखों को सुखों में, समस्या को समाधान में बदल सकती है । आपने सभी ब्रह्मावत्सों को उनकी आध्यात्मिक फरिश्ता, वरदाता स्थिति में स्थित करवाकर ध्यानस्थ स्थिति में चारों दिशा में मुड़कर आध्यात्मिक प्रकम्पनों का प्रसारण करने का अभ्यास करवाया और कहा कि आगामी आने वाली परिस्थितियां भयानक और विकरालहोंगी तो हजारों सुख शांति की प्यासी मनुष्यात्माएं जब आपके पास आए तो वे निराश न लोटें । तपस्या के सांध्यकालीन सत्र में आध्यात्मिक टीवी चैनल्स के लोकप्रिय एंकर बी.के.रूपेश ने अपनी गंभीर एवं गुंजायमान आवाज में गाइडेड कॉमेंट्री देकर सभी को गहन सुख–शांति एवं आनन्द की गहरी अनूभुतियां करवाई  और 2000 से अधिक उपस्थिति वाला पाण्डाल गहरे सन्नाटे में डूब गया । यहां तक कि आस पास के पशु पक्षी भी जैसे शांत और मौन में समाकर शांति की गहरी अनूभुति करने लगे ।

               गहन तपस्या कार्यक्रम की शुरूआत में ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका बी.के.सविता दीदी एवं एरिया डायरेक्टर बी.के. सुरेन्द्र भाई ने त्रिमूर्ति अतिथियों का स्वागत अभिनन्दन किया तथा उनका आभार भी प्रकट किया ।

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जीरन (नीमच) में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम

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शिव धाम का यह पवित्र भवन नगर को आध्यात्म की नई दिशा देगा – बी.के.सूर्य भाई

जीरन में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम सम्पन्न

नीमच (जीरन) : ‘‘जीरन नगरी में बना यह नवीन ‘शिव धाम’ अपनी आध्यात्मिक किरणों के द्वारा नगर में निरंतर सुख-शांति के प्रकम्पन्‍न प्रवाहित करेगा । इसके सुन्दर हॉल में हमेशा सेवाओं के कार्यक्रम चलते रहेंगे तथा विशेष ध्यान कक्ष के शक्तिशाली वाईब्रेशन हर राजयोग साधक को आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण कर आंतरिक खुशी प्रदान करेगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व

विख्यात प्रेरक वक्‍ता, मानस मर्मज्ञ एवं संकल्प सिद्ध योगी ब्रह्माकुमार सूर्य भाई जी ने  अपने वक्तव्य में कहे । आप यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ की विशाल दो मंजिला भवन के दिव्य प्रवेश के अवसर पर पधारे थे । आपके साथ ही प्रेरक वक्ता, दिव्य प्रभा एवं साहित्स सृजक, अन्तर्राष्ट्रीय विभूति राजयोगिनी बी.के.गीता बहन जी भी उपस्थित थे । दोनों विशिष्ट अतिथि द्वय ने शिवधाम के प्रवेश द्वार

पर ओम शान्ति की ध्वनि के साथ नारियल फोड़कर तथा फीता काटकर दिव्य प्रवेश किया तथा शिव भोलानाथ के भण्डारे में अपने हाथों से भोग प्रसादी बनाई, तत्‌पश्‍चात बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करके आध्यात्मिक सेवाओं के लक्ष्य देकर मार्गदर्शन दिया ।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निर्भय, निश्चिंत और खुशहाल जीवन के लिए टिप्स देने वाले कार्यक्रम ‘सुख शांति की ओर कदम..’  का शुभारंभ अतिथि द्वय ने राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी, राजयोगी बी.के.सुरेन्द्र भाई, बी.के.श्रुति बहन, बी.के.ज्योति बहन एवं बी.के.वर्षा बहन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया ।  अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश जी

मेहता एवं पूर्व न.पं.अध्यक्ष जीवराज धानुक ने किया । बी.के.सूर्य भाई जी तथा राजयोगिनी बी.के.गीता दीदी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से सभी को लाभान्वित किया तथा खुशहाल जीवन शैली के अनेक सहज, सरल उपाय बताऐ । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया तथा आभार प्रदर्शन बी.के.सुरेन्द्र भाई ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन द्वारा किया गया ।

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया
नीमच : अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा ने आध्यात्मिक रूप से संपूर्णता को प्राप्‍त कर 18 जनवरी-1969 को देह त्याग किया था । उनके स्मृति दिवस को संसार के 150 से अधिक देशों में विश्‍व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष उनके 56 वें स्मृति दिवस को सारे विश्‍व में फैले ब्रह्माकुमारीज़ के हजारों सेवाकेन्द्रों द्वारा गहन मौन तपस्या एवं दिव्य सत्संग के विशाल आयोजन कर मनाया गया । इसी श्रंखला में संस्थान के नीमच सबझोन एरिया के नीमच, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़, पिपलिया मण्डी व नारायणगढ़ सेवाकेन्द्रों के साथ ही अनेक ग्रामीण केन्द्रों पर भी ब्रह्मा बाबा का 56वां स्मृति दिवस मनाया गया ।
इस विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत ्ब्रह्ममुहुर्त अमृतवेला 3.30 बजे से ही सामुहिक राजयोग ध्यान तपस्या से हुई, जिसमें भारी ठंड होने के बावजूद 3.30 बजे से ही 50 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया । तत्‌पश्‍चात प्रात: 6 से 11 बजे तक लगातार चले कार्यक्रम में राजयोग मेडिटेशन, ईश्‍वरीय महावाक्यों की मुरली क्लास, प्रात: कालीन भोग के पश्‍चात उपस्थित 500 से अधिक ब्रह्मावत्सों को विशेष गाजर का दूध तथा चार प्रकार के फल वितरित किये गए । राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी के संबोधन के बाद परमात्मा शिव को महाभोग स्वीकार करवाया गया । तत्‌पश्‍चात ब्रह्माबाबा के चरित्र दर्शन पर संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने अनुभव युक्त संस्मरण सुनाऐ तथा रनिंग कॉमेन्ट्री द्वारा राजयोग तपस्या में परम शांति की अनुभूति कराई गई । कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी सैकड़ों ब्रह्मावत्सों को महाभोग प्रसादी वितरित की गई । कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति दीदी ने किया ।

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देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्‍न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत ‍में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।

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Brahma Kumaris Neemuch