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Neemuch (MP) – ​नीमच के डॉक्टर्स हेतु सेमीनार का आयोजन -Seminar For Doctors in Neemuch

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नीमच के डॉक्टर्स हेतु सेमीनार का आयोजन सम्पन्न हुआ

11 हजार से अधिक दिल के मरीजों को बिना आपरेशन नया जीवन देने वाले डॉ. सतीश गुप्ता नीमच में

नीमच, दि.27 दिसम्बर-21:  “आज का चिकित्सा विज्ञान बहुत अधूरा है, क्योंकि दवाईयों और चीर-फाड़ से आधुनिक चिकित्सा पद्धति अनेक रोगों का ईलाज तो करती है किन्तु उसके दुष्प्रभाव भी बहुत अधिक देखने को मिलते हैं, साथ ही ब्रेन, हार्ट, लीवर, किडनी आदि की चिकित्सा बहुत अधिक महंगी होने के कारण गरीब व्यक्तियों की पहुंच से बहुत अधिक दूर होती जा रही है । अब कुछ एैसी रिसर्च की आवश्यकता है जो इन दोनों समस्याओं को दूर कर सके । अनेकानेक रिसर्च और प्रयोगों से यह सिद्ध हो चुका है कि राजयोग मेडिटेशन अपने आप में एक सम्पूर्ण जीवन पद्धति है, जिसमें व्यक्ति तनाव मुक्त होकर स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन तो जीता ही है, किन्तु यदि राजयोग ध्यान का विधिपूर्वक लगातार अभ्यास किया जाए तो अनेकानेक रोगों का सहज इलाज भी संभव है, आज संसार में हजारों लोग एैसे हैं जिन्होंने राजयोग मेडिटेशन के निरंतर अभ्यास से अनेक गंभीर रोगों पर विजय प्राप्त की है ” उपरोक्त विचार विश्व प्रसिद्ध हृदय रोग एवं मनोरोग चिकित्सक डॉ. सतीश गुप्ता ने अपने नीमच प्रवास पर नगर के पचास से अधिक चिकित्सकों व अन्य आमंत्रित लोगों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये ।

पिछले 36 से भी अधिक वर्षों से निरंतर राजयोग ध्यान पद्धति के शोधकर्ता व नियमित अभ्यासी डॉ. सतीश गुप्‍ता ने अबतक 11 हजार से अधिक हार्ट अटैक आए हुए मरीजों को बिना बायपास सर्जरी (चीर-फाड़) अथवा बिना एजिंयोप्लास्टी के बिल्कुल स्वस्थ्य एवं खुशहाल बना दिया है, तथा इन मरीजों की 100% तक ब्लॉक हृदय धमनियों को उनके द्वारा चलाये जा रहे “3-डी हेल्थ एण्ड हैप्पीनेस लाईफ स्टाईल प्रोग्राम’ के माध्यम से पूरी तरह खोल दिया है । सन् 1998 से ब्रह्माकुमारी संस्थान के मुख्यालय आबू (राज.) में निरंतर ‘3डी हेल्थ एण्ड हैप्पीनेस लाईफ स्टाइल प्रोग्राम’ चलाए जा रहे हैं, जिसमें अब तक 11 हजार से अधिक दिल के रोगियों के अलावा हजारों हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटिज़, अस्थमा, माईग्रेन, डिप्रेशन, अनिद्रा, मोटापा आदि रोगों से भी मुक्त करके स्वस्थ एवं खुशहाल बना दिया है । विश्व विख्यात डॉ. सतीश गुप्ता ने दिल्ली के एम्स, एस्कार्ट आदि अन्य सुविख्यात हॉस्पिटल्स में अपनी सेवाऐं देने के दौरान यह महसूस किया  कि गरीब व्यक्ति अपने रोगों की चिकित्सा के लिए अपना सबकुछ बेचकर भी महंगी चिकित्सा पद्धति का खर्च नहीं उठा पा रहा है, तब डॉ. गुप्ता ने इन बड़े हॉस्पिटल की सेवाओं से मुक्ति लेकर लगभग 5 वर्ष तक गहन शोध करके राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से गंभीर से गंभीर बीमारियों की चिकित्सा के सफल प्रयोग किये और आज बह्माकुमारी संस्थान के मुख्यालय में रहकर लगभग 25 वर्षों से हर प्रकार के रोगियों की चिकित्सा कर रहे हैं । अपने गहन शोध के द्वारा डॉ. गुप्‍ता ने सिद्ध कर दिया कि यदि सही जीवन शैली जीते हुए राजयोग ध्यान का निरंतर अभ्यास किया जाए तो न सिर्फ अनेकानेक गंभीर रोगों से नि:शुल्क मुक्ति पाई जा सकती है बल्कि तनावमुक्त खुशहाल जीवन भी जिया जा सकता है ।

नीमच ब्रह्माकुमारी संस्थान के सद्भावना सभागार में आयोजित ‘मेडिटेशन एज़ मेडिकेशन’ कार्यक्रम में डॉ. सतीश गुप्‍ता, विधायक दिलीप सिंह परिहार, आई. एम. ए. के अध्यक्ष डॉ. अशोक जैन, नगर के वरिष्ठतम चिकित्सक डॉ. एच.एन. गुप्ता, सुप्रसिद्ध उद्योगपति डी.एस. चौरड़िया, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं समाजसेवी संतोष चौपड़ा, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता बहन एवं बी.के.सुरेन्द्र भाई आदि ने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया । यह कार्यक्रम लगभग ढाई घण्टे तक चला । अंत में राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास के पश्चात स्वल्पाहार एवं 3डी हेल्थ केयर संबंधि साहित्य वितरण के साथ कार्यक्रम समाप्‍त हुआ ।

 

 

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देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्‍न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत ‍में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।

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आज की टेक्नोलॉजी और ए.आई. ने बुद्धि को दो इंच की स्क्रीन तक सीमित कर दिया है – शारदा दीदी

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महिला सशक्तिकरण सम्मेलन ने भारी सफलता प्राप्त की ।
नीमच : ‘‘आज के विज्ञान ने साधन तो दिये लेकिन मनुष्य की साधना समाप्त होती जा रही है । आधुनिक संसार तो दिया लेकिन संस्कार समाप्त होते जा रहे हैं, इंसानों ने अपना शरीर रूपी चित्र तो सजाया लेकिन चरित्र का पतन होता जा रहा है, इसका परिणाम यह है कि आज का विश्‍व घोर अशांति और तनाव में जी रहा है । हर कोई भय ग्रस्त है.. असुरक्षित है.. आज बच्चे से लेकर बूढ़े तक क्रोध के वशीभूत हैं । चैन की नींद बहुत दूर चली गई है । एैसा क्यों हुआ? क्योंकि सामाजिक जीवन से आध्यात्मिक मूल्य समाप्त हो गए हैं । मनुष्य केवल मशीन बनकर रह गया है ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात प्रेरक वक्ता बी.के.शारदा दीदी ने ब्रह्माकुमारीज़ सदभावना सभागार में आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। आपने आज की मातृ शक्ति को चेतावनी देते हुए कहा कि आई.टी. और ए.आई. ने बच्चों से लेकर बड़ों तक सबकी बुद्धि को दो इंच के स्क्रीन तक समेट दिया है । धीरे धीरे सबका मौलिक चिंतन समाप्त हो रहा है । एक छोटी सी गणना के लिए भी आज का बच्चा केल्कुलेटर का सहारा लेता है । इन सबका उपयोग करते हुए यदि हम अपनी आध्यात्मिक चेतना और मूल्य जागृत नहीं करेंगे तो ये संसार कहां थमेगा..?’’
महिला सम्मेलन का शुभारंभ बी.के.शारदा दीदी, बी.के.सविता दीदी, ज्ञानोदय विश्व विद्यालय की कुलाधिपति डॉ. माधुरी चौरसिया, आई.एम.ए.की अध्यक्ष डॉ. सुजाता गुप्ता, सी.टी.सी. के आई.जी. की धर्मपत्नि श्रीमती रजनी दत्ता, आर.टी.सी. के डी.आई.जी. की पत्नि श्रीमती आशा सूद, रेंज डी.आई.जी. की धर्मपत्नि श्रीमती सुरजीत कौर एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती तृप्ति दुआ आदि ने दीप प्रज्‍जवलित कर किया । शारदा दीदी का स्वागत डॉ. माधुरी चौरसिया ने तथा सविता दीदी का स्वागत श्रीमती रजनी दत्ता ने किया तथा कु.पलक एवं कु. रिषिका ने सुन्दर स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की संचालक बी.के.श्रुति बहन ने इस सम्मेलन की प्रमुख वक्ता बी.के.शारदा दीदी को जब उद्‌बोधन के लिए आमंत्रित किया तो सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा । इस कार्यक्रम में सी.आर.पी.एफ. के अलावा अग्रवाल समाज, जैन समाज, माहेश्‍वरी समाज, सिंधी समाज, खण्डेलवाल समाज, पोरवाल समाज आदि संगठनों के पदाधिकारी महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया । इनके अलावा कॉलेज की महिला प्रोफेसर्स, डॉक्टर्स आदि प्रमुख महिलाऐं भी सम्मिलित हुई तथा ज्ञानोदय ग्रुप द्वारा अतिथियों को मोमेन्टो के साथ शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया।
इस महिला सम्मेलन में आगंतुक महिलाओं का आत्म स्मृति का तिलक प्रदान कर ओमशांति लिखित केसरिया दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया तथा सम्मेलन के समापन पर सभी को पवित्र प्रसाद वितरित किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने किया ।

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सी.आर.पी.एफ. की महिलाओं के लिए ‘स्ट्रेस मैनेजमेंट’ कार्यक्रम

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नीमच : दि.26.9.24, सी.आर.पी.एफ. ग्रुप सेन्टर से सम्बन्धित रिजनल फेमिली वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित ‘स्ट्रेस मेनेजमेंट’ कार्यक्रम के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान की मेटिवेशनल स्पीकर बी.के.श्रुति दीदी व बी.के.मेघना दीदी को आमंत्रित किया गया, तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी श्रुति बहन व मेघना बहन के आगमन पर ग्रुप सेंटर डी.आई.जी. की धर्मपत्नि श्रीमती खूप व डिप्टी कमाण्डेंट की धर्मपत्नि श्रीमती सरिता नेगी ने बी.के.बहनों का हार्दिक स्वागत किया । फेमिली वेलफेयर एसोसिएशन के सुसज्‍जित हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सी.आर.पी.एफ. के उच्चाधिकारियों एवं जवानों के परिवारों से महिलाओं ने भाग लिया ।
कार्यक्रम की शुरूआत डिप्टी कमाण्डेंट संतोष नेगी के स्वागत भाषण से हुई तत्‌पश्‍चात बी.के.मेघना बहन ने तनाव मुक्ति कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की एवं कुछ आधारमूर्त्त टिप्स भी दिये तत्‌पश्‍चात कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता बी.के.श्रुति दीदी ने वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक ढंग से तनाव के कारण एवं निवारण के सहज, सरल टिप्स देकर राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास रनिंग कॉमेन्ट्री देकर करवाया । जिससे पूरा ही हॉल शां‍ति के गहरे प्रकम्पनों में डूब गया तथा सभी ने एक असीम शांति के साथ खुशी व आनन्द की भी गहन अनुभूति की । कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन श्रीमती सरिता नेगी ने किया ।

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Brahma Kumaris Neemuch