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55 बालब्रह्मचारी ब्रह्माकुमारों का दल नीमच पहुंचा

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नीमच : 13.01.2019           अंतराष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ज्ञान मार्ग, नीमच स्थित ‘ज्ञान सागर’ परिसर में उमंग, उत्साह एवं हर्ष का माहौल व्यापक हो गया जब माउण्ट आबू से एक साथ 55 बाल ब्रह्मचारी राजयोग तपस्वियों का दल नीमच पहुंचा । इस दल में 20 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु के ब्रह्माकुमार राजयोगी भाई सम्मिलित  थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन त्याग, तपस्या एवं विश्व सेवा के मार्ग पर समर्पित कर दिया । इनके आगमन पर ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी एवं एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई के नेतृत्व में अनेक ब्रह्मावत्सों ने पुष्प वर्षा कर सभी का आत्मिय अभिनन्दन किया तथा चन्दन का तिलक प्रदान कर पुष्प गुच्छ भेंट किये । इस अवसर पर आयोजित सभा में बी.के.सविता दीदी ने कहा कि “राजयोग तपस्या का मार्ग एवं तन, मन तथा सम्बंधों की संपूर्ण पवित्रता की शक्ति ही सारे विश्व को परिवर्तन करके नई सतयुगी सृष्टि की स्थापना में मददगार सिद्ध होगी । आपने सभी राजयोग तपस्वियों से आग्रह किया कि वे संपूर्ण ज्ञान सागर परिसर के प्रत्येक स्थल पर अपने पवित्र कदम अवश्य रखें ।” बी.के.सुरेन्द्र भाई ने सभी 55 बाल ब्रह्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि “सारा विश्व आज दुख, अशांति, तनाव, आतंकवाद, सांप्रदायिकता एवं हथियारों की होड़ से विनाश के कगार पर आ पहुंचा है, एैसे में असहाय मानवता उस सर्वशक्तिवान परमात्मा को मदद के लिए पुकार रही है, किन्तु अज्ञानवश राजयोग की पावन राह जिससे तत्काल प्रभुमिलन होता है उसे पहचान पाने मे अक्षम है । हम सबका दायित्व है कि हम सारे विश्व के अपने ही भूले भटके भाई–बहनों को सुख, शांति एवं आनन्द की पवित्र राह दिखाकर उन्हें राजयोग के मार्ग पर प्रेरित करें ।” सभा के पश्चात सभी ब्रह्मचारी तपस्वियों ने पवित्र ब्रह्माभोजन ग्रहण करके नीमच निवासी भाई–बहनों का आभार प्रकट किया एवं अपने शैक्षणिक यात्रा भ्रमण के अगले मुकाम की और दोपहर में प्रस्थान किया ।

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जीरन (नीमच) में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम

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शिव धाम का यह पवित्र भवन नगर को आध्यात्म की नई दिशा देगा – बी.के.सूर्य भाई

जीरन में शिव धाम भवन में दिव्य प्रवेश एवं विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम सम्पन्न

नीमच (जीरन) : ‘‘जीरन नगरी में बना यह नवीन ‘शिव धाम’ अपनी आध्यात्मिक किरणों के द्वारा नगर में निरंतर सुख-शांति के प्रकम्पन्‍न प्रवाहित करेगा । इसके सुन्दर हॉल में हमेशा सेवाओं के कार्यक्रम चलते रहेंगे तथा विशेष ध्यान कक्ष के शक्तिशाली वाईब्रेशन हर राजयोग साधक को आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण कर आंतरिक खुशी प्रदान करेगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व

विख्यात प्रेरक वक्‍ता, मानस मर्मज्ञ एवं संकल्प सिद्ध योगी ब्रह्माकुमार सूर्य भाई जी ने  अपने वक्तव्य में कहे । आप यहाँ ब्रह्माकुमारीज़ की विशाल दो मंजिला भवन के दिव्य प्रवेश के अवसर पर पधारे थे । आपके साथ ही प्रेरक वक्ता, दिव्य प्रभा एवं साहित्स सृजक, अन्तर्राष्ट्रीय विभूति राजयोगिनी बी.के.गीता बहन जी भी उपस्थित थे । दोनों विशिष्ट अतिथि द्वय ने शिवधाम के प्रवेश द्वार

पर ओम शान्ति की ध्वनि के साथ नारियल फोड़कर तथा फीता काटकर दिव्य प्रवेश किया तथा शिव भोलानाथ के भण्डारे में अपने हाथों से भोग प्रसादी बनाई, तत्‌पश्‍चात बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों को संबोधित करके आध्यात्मिक सेवाओं के लक्ष्य देकर मार्गदर्शन दिया ।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निर्भय, निश्चिंत और खुशहाल जीवन के लिए टिप्स देने वाले कार्यक्रम ‘सुख शांति की ओर कदम..’  का शुभारंभ अतिथि द्वय ने राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी, राजयोगी बी.के.सुरेन्द्र भाई, बी.के.श्रुति बहन, बी.के.ज्योति बहन एवं बी.के.वर्षा बहन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया ।  अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश जी

मेहता एवं पूर्व न.पं.अध्यक्ष जीवराज धानुक ने किया । बी.के.सूर्य भाई जी तथा राजयोगिनी बी.के.गीता दीदी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से सभी को लाभान्वित किया तथा खुशहाल जीवन शैली के अनेक सहज, सरल उपाय बताऐ । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया तथा आभार प्रदर्शन बी.के.सुरेन्द्र भाई ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति बहन द्वारा किया गया ।

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया

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ब्रह्माकुमारीज़ के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा का स्मृति दिवस विश्‍व स्तर पर मनाया गया
नीमच : अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक पिताश्री ब्रह्माबाबा ने आध्यात्मिक रूप से संपूर्णता को प्राप्‍त कर 18 जनवरी-1969 को देह त्याग किया था । उनके स्मृति दिवस को संसार के 150 से अधिक देशों में विश्‍व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस वर्ष उनके 56 वें स्मृति दिवस को सारे विश्‍व में फैले ब्रह्माकुमारीज़ के हजारों सेवाकेन्द्रों द्वारा गहन मौन तपस्या एवं दिव्य सत्संग के विशाल आयोजन कर मनाया गया । इसी श्रंखला में संस्थान के नीमच सबझोन एरिया के नीमच, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़, पिपलिया मण्डी व नारायणगढ़ सेवाकेन्द्रों के साथ ही अनेक ग्रामीण केन्द्रों पर भी ब्रह्मा बाबा का 56वां स्मृति दिवस मनाया गया ।
इस विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत ्ब्रह्ममुहुर्त अमृतवेला 3.30 बजे से ही सामुहिक राजयोग ध्यान तपस्या से हुई, जिसमें भारी ठंड होने के बावजूद 3.30 बजे से ही 50 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया । तत्‌पश्‍चात प्रात: 6 से 11 बजे तक लगातार चले कार्यक्रम में राजयोग मेडिटेशन, ईश्‍वरीय महावाक्यों की मुरली क्लास, प्रात: कालीन भोग के पश्‍चात उपस्थित 500 से अधिक ब्रह्मावत्सों को विशेष गाजर का दूध तथा चार प्रकार के फल वितरित किये गए । राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी के संबोधन के बाद परमात्मा शिव को महाभोग स्वीकार करवाया गया । तत्‌पश्‍चात ब्रह्माबाबा के चरित्र दर्शन पर संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने अनुभव युक्त संस्मरण सुनाऐ तथा रनिंग कॉमेन्ट्री द्वारा राजयोग तपस्या में परम शांति की अनुभूति कराई गई । कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित सभी सैकड़ों ब्रह्मावत्सों को महाभोग प्रसादी वितरित की गई । कार्यक्रम का संचालन बी.के.श्रुति दीदी ने किया ।

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देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा – शारदा दीदी
नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्‍व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्‍न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत ‍में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।

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