ब्रह्माकुमारीज़ के ‘समाधान’ कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में मनासा का श्रेष्ठी वर्ग सम्मिलित हुआ नीमच : दि. 23.12.18 एक हजार से अधिक कुर्सियों और विशाल...
‘जिन्दगी बने आसान’ कार्यक्रम में नगर के हर वर्ग के 1000 से अधिक व्यक्तियों ने लाभ लिया नीमच : दि. 23.12.18 “चिन्तन को बदलें, व्यवहार को...
ब्रह्माकुमारी संस्था के 2000 से अधिक भाई–बहनों ने गहन राजयोग तपस्या कर शांति की तरंगे फैलाई, आने वाली विकराल परिस्थितियों का सामना करने के लिए स्वस्थिती...
नीमच : दि.22 जून-18, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने सारे विश्व में भारत की संस्कृति और सभ्यता को गौरवान्वित किया है । इस भागीरथी प्रयास में अंतर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान का भीबहुत बड़ा योगदान है । इस संस्थान के 140 देशों में फैले हुए नेटवर्क के लाखों अनुयायी अपने ही तन मन धन से राजयोग साधना एवं सत्य ईश्वरीय ज्ञान की ताकत से सारे विश्व को सतयुगी स्वर्ग बनाने की सेवामें दिन रात लगे हैं और एक दिन अवश्य ही ये श्वेत वस्त्रधारी ब्रह्माकुमारी बहनें एवं भाई प्राचीन भारतीय संस्कृति का परचम सारे विश्व में लहराकर भारत को विश्व गुरू बना देंगे ।” उपरोक्त विचारब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की संध्या पर देर रात तक चले विशाल राजयोग साधना शिविर को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये । इस शिविर के अपनेसम्बोधन में राजयोगिनी अंतर्राष्ट्रीय सविता दीदी ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन ही सुख–शांति का आधार है एवं तनाव से मुक्त होने की अचूक दवा है । वर्तमान समय सारे विश्व में न सिर्फ तनाव बल्कि क्रोध,डिप्रेशन, अनिद्रा, निराशा, अविश्वास, भय और व्यसनों का बोलबाला है । संसार का प्रत्येक व्यक्ति इस बुराईयों से जूझ रहा है किन्तु यदि प्रतिदिन केवल 10-15 मिनिट भी राजयोग मेडिटेशन का नियमितअभ्यास किया जाए तो अपने जीवन को सुखद शांतिमय बनाया जा सकता है । संध्या 6 से रात्रि 9 बजे तक चले राजयोग साधना शिविर में सविता दीदी ने शक्तिशाली आध्यात्मिक विचारों की कॉमेन्ट्री देकरराजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाया । इस साधना शिविर की विशेषता यह रही कि लगातार तीन घण्टे तक सैंकड़ोें राजयोग साधक भाई–बहनें पूरी तल्लीनता एवं एकाग्रता से राजयोग की साधना में लीन थेतथा विश्व शांति, एकता एवं प्रेम के प्रकम्पन सारे विश्व में फैला रहे थे । इस अवसर पर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने राजयोग साधना के साथ साथ शारिरीक व्यायाम एवं प्राणायाम की उपयोगिता बताकर हल्की फुल्कीएक्सरसाइज भी करवाई ।
नीमच में नि:स्वार्थ सेवाओं का विस्तार देख प्रसन्नता मिली – महाप्रबन्धक ब्रह्माकुमारी संस्थान की महाप्रबन्धक बी.के.मुन्नी दीदीजी का दो दिवसीय नीमच भ्रमण नीमच : दि . 16.4.18 “ब्रह्माकुमारी संस्थान का परिचय उसके विस्तार अथवा वैभव से नहीं बल्कि नि:स्वार्थ भाव से अपने ही तन, मन, धन से की जा रही मानव सेवाओं केविस्तार से है । आमतौर पर धर्म के नाम पर चन्दा उगाही अथवा मान, शान एवं पद की दौड़ मेंअनेकानेक सेवाभावी संस्थान उलझ कर रह गए हैं किन्तु ब्रह्माकुमारी संस्थान पिछले 82 वर्षों से शून्य से प्रारंभ होकर 148 देशों में लगभग 9000 शाखाओं का विस्तार पाकर भी नि:स्वार्थ मानव सेवा के अपने लक्ष्य पर निरंतर अग्रसर है । किसी भी विवाद से परे रहकरब्रह्माकुमारी संस्थान के लाखों भाई बहन स्वर्णिम भारत की स्थापना में अपना अथक योगदान दे रहे हैं और इसी का एक जीता जागता सबूत नीमच जिले में देखने को मिला, जहाँनीमच केन्ट, नीमच सिटी, बघाना, मनासा, रामपुरा, जावद, जीरन, मल्हारगढ़ एवं पिपलिया मण्डी केन्द्रों के हजारों भाई बहन निरन्तर विभिन्न सेवा कार्यक्रमों के माध्यम से सतत्सेवारत हैं ।” उपरोक्त विचार अंतर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान की महाप्रबन्धक राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मुन्नी दीदी जी ने अपने नीमच प्रवास पर आयोजित विशालआध्यात्मिक समागम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने नीमच सबझोन से सम्बन्धित सभी केन्द्रों की गतिविधियों की बारिकी से जानकारी ली एवं की जा रही सेवाओं कोदेखकर प्रसन्नता व्यक्त की । बी.के.मुन्नी दीदी जी के नीमच आगमन पर डूंगलावदा हाईवे फंटे पर ब्रह्माकुमारी महानन्दा बहन एवं दिव्या बहन ने स्वागत किया एवं एक छोटे काफिलेके रूप में फव्वारा चौक होकर ज्ञान मार्ग स्थित नीमच के मुख्य केन्द्र ज्ञान सागर परिसर में प्रवेश किया जहाँ सबझोन डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई एवं सबझोन प्रभारी बी.के.सविताबहन ने तिलक एवं माल्यार्पण से स्वागत किया, साथ ही नन्ही नन्ही बालिकाओं ने एवं उपस्थित जनसमुदाय ने पुष्प वर्षा कर मुन्नी दीदी जी का स्वागत सत्कार किया । शाम कोमुन्नी दीदी जी एवं उनके साथ माउण्ट आबू मुख्यालय से पधारे अन्य भाई बहनों के सम्मान में सदभावना सभागार की विशाल छत पर ठंडी–ठंडी हवाओं की बयार में केण्डल लाईटडिनर का आयोजन किया गया । इस अवसर पर ज्ञान सागर परिसर में एक विशाल आध्यात्मिक समागम आयोजित किया गया जिसमें नीमच सबझोन से सम्बन्धित सभीब्रह्माकुमारी केन्द्रों से पधारे लगभग 1500 भाई–बहनों की विशाल सभा में मुन्नी दीदी जी का अभिनन्दन किया गया । इस अवसर पर विश्व शांति एवं अज्ञान अंधकार दूर हटाने केसंकल्प से दीप प्रज्जवलित किये गए । स्वागत भाषण बी.के.सविता दीदी ने दिया एवं गोल्डन फरिश्ता स्वागत नृत्य बहन वंदना सोनी एवं भावना कस्तुरी से प्रस्तुत किया गया एवंबहन सोनल गुजराती द्वारा “मेरे सदगुरू प्यारे दा दरबार बड़ा सोणा है..” गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया; तत्पश्चात तिलक, पगड़ी, चुनरी एवं विशाल पुष्पमाल से मुन्नी दीदी जीका श्रंगार एवं स्वागत किया गया ।
Councillor Om Kabra expressed his gratitue to Brahma Kumaris for walking everyone towards a stress free life , and BK Savita shared that when the soul...
दो किलोमीटर लम्बी सद्भावना रैली से सारा बघाना क्षैत्र धर्ममय हो उठा सैकड़ों स्वागत द्वार बनाकर कदम कदम पर पुष्प वर्षा एवं शीतल पेय से रैली का स्वागत हुआ नीमच : दि. 25 फरवरी-2018, “सबका मालिक एक..फिर क्यों बंटा हुआ संसार है.. सच पूछो तो सारी दुनिया अपना ही परिवार है…” के उद्घोष के साथ ही विधायक दिलीप सिंह परिहार, जिलाभाजपा अध्यक्ष हेमन्त हरित, ब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के. सुरेन्द्र एवं संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता बहन एवं अन्य प्रमुख ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारासामुहिक रूप से शिवध्वज लहराकर ‘सर्वधर्म सद्भावना यात्रा’ का शुभारंभ आज प्रात: 10 बजे किया गया । सर्वधर्म प्रतिनिधियों द्वारा एकता का संदेश से सुसज्जित झांकी, द्वादश ज्योर्तिलिंग के दिव्य दर्शन कीझांकी एवं श्री श्री राजयोगेश्वर शिवबाबा की शाही सवारी के रथ से सज्जित यह विशाल रैली ज्यों ज्यों आगे बढ़ती चली जा रही थी उसमें बड़े ही अनुशासित ढंग से लाल वस्त्रों में सजी कलशधारी माताएें बहनें एवंश्वेत वस्त्रधारी भाई–बहन बड़ी संख्या में सम्मिलित होते चले जा रहे थे । रेल्वे फाटक तक पहुंचते पहुंचते यह यात्रा दो किलोमीटर से भी अधिक लम्बी हो चुकी थी । घुड़सवार शिवध्वजाधारी, बैण्ड बाजा,ढोलढमाके की ध्वनि में झूमते सैंकड़ों ब्रह्मावत्स नाचते गाते चल रहे थे । इतनी विशाल रैली होने के बावजूद यह पूरी रैली बहुत ही अनुशासित तौर तरीके से कतारबद्ध होकर सड़क की बांई और चल रही थी ताकिट्रेफिक अव्यवस्था भी न फैले । रैली के आखिर में ब्रह्माकुमारी संस्थान की और से एक स्वच्छता अभियान का वाहन भी चल रहा था जिसमें 8-10 स्वच्छता सेवाधारी हाथ में झाड़ू लेकर रास्ते का हर प्रकार काकचरा समेटकर गाड़ी में रखे विशाल डस्टबिन में डालते जा रहे थे । इस प्रकार पूरी रैली में किसी प्रकार के पानी के पाऊच, शरबत के गिलास अथवा अन्य किसी भी प्रकार का कचरा दिखाई नहीं दिया । रैली मेंसबसे आगे श्वेत वस्त्रधारी ब्रह्माकुमारी बहनों ने नेतृत्व प्रदान किया । उनके पीछे शिवबाबा की शाही सवारी के रथ का संचालन बी.के.सुरेन्द्र भाई कर रहे थे । तत्पश्चात 100 से अधिक लाल वस्त्रों में सुसज्जितकलशधारी माताओं बहनों की लम्बी कतार चल रही थी । उनके पीछे विभिन्न झांकियां एवं भाई–बहनों की लगभग दो किलोमीटर लम्बी कतार अनुशासित ढंग से चल रही थी । यह रैली बंगला नं. 60 के मैदान सेप्रारंभ होकर चौकन्ना बालाजी, रेल्वे फाटक, हनुमान नगर, रेगर बस्ती, अहीर मोहल्ला से फतेह चौक, होली चौक होकर बघाना के नया बाजार से आगे बढ़कर अहीर व्यायाम शाला पर समाप्त हुई । पूरी रैली मेंएक गजब का अनुशासन और तेज गर्मी होने के बावजूद सभी के चेहरों पर खुशी की झलक थी । सद्भावना रैली के अन्त में 2000 से अधिक भाई–बहनों के लिए ज्ञान मार्ग स्थित ब्रह्माकुमारी केन्द्र पर पवित्रब्रह्माभोजन प्रसादी की व्यवस्था प्रदान की गई ।
नीमच : दि. 13.2.18 “शिव के साथ रात्रि शब्द का योग रहस्ययुक्त है, किसी का भी जन्म दिन में या रात में होता है तब भी जन्मदिन ही मनाया जाता है । किन्तु शिव का अवतरण अथवा जन्म रात्रि शब्द सेजुड़ा हुआ है क्योंकि परमात्मा शिव वैसे तो अजन्मा है किन्तु उनका दिव्य अवतरण अथवा परकाया प्रवेश का सम्बन्ध घोर अज्ञान रूपी रात्रि से है । वर्तमान कलियुग के अन्तिम समय में जहाँ चारों और अज्ञानअंधकार के साथ ही विषय विकारों का घनघोर प्रभाव है एैसे में कलियुग का महापरिवर्तन कर सतयुग की स्थापना करने का परम पुनित कत्र्तव्य निराकार स्वयंभू शिव परकाया प्रवेश करके सत्य गीता ज्ञान एवंराजयोग की शिक्षा के द्वारा सर्व आत्माओं का उद्धार वर्तमान समय कर रहे हैं । कालान्तर में भक्ति मार्ग में यही ईश्वरीय कर्तव्य शिवरात्रि के रूप में मनाया जाने लगा ।” उपरोक्त विचार ब्रह्माकुमारी संस्थानकी सबझोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने नीमच सिटी के ब्रह्माकुमारी केन्द्र पर आयोजित शिवरात्रि आध्यात्मिक समागम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिाया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने सभी से आव्हान किया है कि वर्तमान समय चल रहे पुरूषोत्तम संगमयुग की पावन वेला अति शीघ्र समाप्त होने जा रही है। अत: जल्दी से जल्दी प्रत्येक आत्मा को परमात्मा द्वारा दिये जा रहे सत्य ज्ञान एवं राजयोग की शिक्षा समझकर एवं धारण कर अपना जीवन धन्य बना लेना चाहिए । ज्ञान एवं राजयोग की शिक्षा हमारेवर्तमान के साथ भविष्य अनेकानेक जन्मों का भी कल्याण कर देता है । शिवरात्रि समागम कार्यक्रम में बी.के.सविता दीदी, बी.के.सुरेन्द्र भाई के साथ ही बी.के.महानन्दा बहन, वर्षा बहन एवं कृति बहन ने भी दीपप्रज्जवलित करके सभी को शिवरात्रि की शुभकामनाएें दी । तत्पश्चात शिव के अलौकिक अवतरण को जन्मदिन के रूप में मनाया जाकर केक कटिंग सेरेमनी की गई । कार्यक्रम के अन्त में ढोल–ढमाके एवंधूमधाम से नाच गाने के साथ शिवध्वजारोहण किया गया । जिसमें बड़ी संख्या में ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया एवं झूम–झूम कर नृत्य की प्रस्तुति दी । कार्यक्रम का समापन शांति के प्रतीक कबूतर उड़ाकर कियागया तथा उपस्थित समस्त जन समुदाय को पवित्र प्रसाद वितरित किया ।
Beautiful Peace Park, Meditation Center coming soon at Neemuch ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा जमुनिया कलॉ में सुन्दर पीस पार्क व ध्यान केन्द्र बनाया जायेगा नीमच : “आज...
जीवन के सफर का आनन्द लेने के लिए मन बुद्धि को हल्का रखें संतुलित आहार, एक्सरसाईज और मेडिटेशन ही खुशहाल जीवन का आधार–डॉ. प्रेम रामपुरा : दि 25.12.17 “जिन्दगी एक सफर है.. रोज आगे बढ़ते चलो… लेकिन मन बुद्धि पर जितना बोझ कम होगा नकारात्मक संकल्प नहीं होंगे तो सफर सुहाना लगेगा… हमेशा नयेपन को स्वीकार कर अंगिकार करते चलें.. हम अपने आपको हरपरिस्थिति से समायोजित करके यदि जीना सीख जाएें तो जिन्दगी मनोरंजन अनुभव होगी अन्यथा बोझ बन जाएगी ।” उपरोक्त विचार अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तनाव मुक्ति विशेषज्ञ एवं प्रेरक वक्ता डॉ. प्रेम मसंद ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के ‘शिव शिखर’ केन्द्र पर आयोजित कार्यक्रम ‘आओ खुशियों की राह चले’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किये आपने बताया कि “केवल १५-20 वर्षों में ही ह्रदय रोग, डायबिटिज, स्पोंडिलाईटिस और घुटनों के दर्द की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं , इनका इलाज दवाईयों से नाम मात्रहोता है वास्तव में तो वर्तमान समय मनुष्य का शरीर इलास्टिक की जगह प्लास्टिक होता चला जा रहा है, इसका कारण नकारात्मक चिंतन और असंतुलित आहार एवं दिनचर्या है ।” डॉ. प्रेम मसंद ने बताया कि “दोनों पैर के निचले हिस्से भी दूसरे दिल के समानहैं इसलिए कम से कम 10 हजार कदम नियमित रूप से पैदल चलना चाहिए ।” जीवन की खुशहाली का रहस्य बताते हुए डॉ. प्रेम ने कहा कि हमें स्वयं पर विश्वास के साथ–साथ स्वयं का सम्मान भी रखना है यदि हम ही खुद का सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरा कैसेकरेगा .. हमेशा नकारात्मक बातें करके रोते रहने की आदत अच्छी नहीं । अनेकानेक दिव्यांग एवं गरीब वर्ग के लोगों ने बहुत बड़ी बड़ी सफलताएें हांसिल करके विश्व में नाम कमाया है । स्वयं पर विश्वास और दृढ़ता पैदा करने के लिए नियमित रूप से राजयोगमेडिटेशन का अभ्यास बहुत अधिक सहायक सिद्ध हुआ है ।