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रामपुरा जल प्लावन की विभिषिका से उबर कर ब्रह्माकुमारी केन्द्र प्रारंभ

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12 फीट से अधिक पानी में डूबे केन्द्र पर दिखे अनेक ईश्वरीय चमत्कार

नीमच : दि. 23 अक्टूबर-19          नीमच जिले के रामपुरा नगर की 14 सितम्बर-19 की वो भयानक त्रासदी कोई कभी भी भूल नहीं सकता है । वो भयानक रात जब लगभग 700 वर्ग किलोमीटर के जलग्रहण क्षैत्र में फैले विशाल गांधीसागर बांध की डूब से रामपुरा नगर को बचाने के लिए एक विशाल रिटेनिंग वॉल (रिंगवॉल) बनाई गई थी जिससे पिछले 55 वर्षों से अधिक रामपुरा सुरक्षित था । किन्तु इस वर्ष की अतिवृष्टि ने 14 सितम्बर की रात को एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील ‘गांधी सागर’ को भयानक खतरे में डाल दिया । यदि यह बांध टूट जाता तो मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं संभवत: पश्चिम बंगाल के अनेकानेक शहरों को रौंदकर तहस-नहस करता हुआ यह तूफानी व अनियंत्रित बाढ़ बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती, उस रात गांधी सागर में मिलने वाली 99 नदियाँ उफान पर थी तथा गांधीसागर बांध के 18 गेट एवं 5 आपातकालीन गेट खोल दिये जाने के बावजूद पानी की बाढ़ अनियंत्रित होकर बांध के उपर से पानी बहने लगा एवं कई मेगावॉट बिजली उत्पन्न करने वाला गांधीसागर पॉवर हाउस भी डूब गया तथा गांधीसागर बांध के अतिरिक्त पानी से पलने वाले रावत भाटा के राणाप्रताप सागर डेम एवं कोटा तथा आसपास जवाहर सागर डेम, कोटा बैराज जैसे विशाल बांध भी इस बांध के टूटने पर अपने आप को बचा नहीं सकते थे तथा रावत भाटा में स्थित 8 परमाणु उर्जा केन्द्र एवं न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स भी अवश्य ही तबाह यदि होता तो उससे होने वाली बरबादी और रेडियेशन के खतरे का सोचकर भी रूह काँप जाती है । किन्तु भला हो हमारे प्यारे छोटे से रामपुरा नगर का जिसने अपना बलिदान देकर इस सारी तबाही से बचा लिया, क्योंकि रामपुरा की रिटेनिंग वॉल टूटने के कारण विशाल गांधीसागर का बैक वॉटर कई किलोमीटर में फैलकर बिखर गया और रामपुरा सहित अनेकानेक गांव 12 से 15 फीट पानी के अंदर डूब गऐ । मीठे प्यारे शिवबाबा के ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्र रामपुरा जो कि ग्यारह हजार वर्ग फीट में निर्मित है ने भी अपना बलिदान दिया, तीन दिन पूरा पानी में डूबने के कारण लाखों का नुकसान हुआ । शिवबाबा के कई चमत्कार भी देखे । बाबा का कमरा, उसमें स्थित ट्रांस्लाईट तथा भोग की लकड़ी की छोटी सी चौकी इतने पानी में डूबकर भी यथावत अपने उसी निहित स्थान पर विद्यमान थी जैसे कुछ हुआ ही न हो और पानी उतरने पर जब 3 फीट पानी में कुछ साहसी युवकों ने प्रवेश कर केन्द्र के दरवाजे खोले तो सामने ही एक बड़ा सर्प फन फैलाये बैठा था, जिसने ही शायद बाबा के ईश्वरीय केन्द्र की चोर, चकार व लुटेरों से रक्षा की क्योंकि रामपुरा त्रासदी का लाभ लेकर अनेक चोर-लुटेरे भी नावों में बैठकर डूबे हुए मकानों में चोरी चकारी बड़ी मात्रा में कर रहे थे ।

शुक्रिया बाबा तेरी कमाल है.. अब वो भयानक दिन बीत चुके.. कई सबक सिखा गए… ड्रामा की भावी दिखा गये.. फिर से सबने मिलकर जैसे-तैसे केन्द्र का पुर्न:उत्थान कर खड़ा किया है और दीपावली के पूर्व ही दीप जलाकर केन्द्र का शुभारंभ कर दिया गया है । रामपुरा व आसपास पाठशालाओं के भाई बहन लगभग 30-40 दिन ज्ञान योग की प्यास में तड़फते रहे और उन्हें महसूस हुआ कि ब्रह्माकुमारी बहनों के बिना सचमुच गति सदगति नहीं है ।

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संविधान के पालन से राष्ट्रोन्नति एवं ईश्वरीय विधान के पालन से आत्मोन्नति होगी

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ब्रह्माकुमारी संस्थान में राष्ट्रध्वज लहराकर राष्ट्रोन्नति की शपथ ली गई

नीमच: दि. 26 जनवरी ‘‘प्रत्येक राष्ट्र एवं राष्ट्र के नागरिकों का हित उस देश में लागू होने वाले विधि-विधान के पालन में समाया है । संविधान का पालन देश में प्रेम, एकता, सद्भावना एवं अनुशासन बनाए रखने में बहुत उपयोगी रहता है । किन्तु मनुष्यात्मा यदि देश के संविधान के साथ ईश्वरीय एवं आध्यात्मिक विधि-विधान का पालन कर अपने आचरण में उतारे तो देव पद की प्राप्ति के साथ निकट भविष्य में आने वाली स्वर्णिम सतयुगी दुनिया की हकदार बनेगी।’’ उक्त विचार ब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सारे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय शांतिदूत के रूप में सेवारत ब्रह्माकुमारी संस्थान के पवित्र व आध्यात्मिक नीति-नियमों का हवाला देकर बताया कि इस ईश्वरीय विधान के पालन से 150 से अधिक देशों के लाखों परिवार आज की तनावमय वैश्विक परिस्थितियों में भी तनावमुक्त खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं, साथ ही अपने राष्ट्र की उन्नति में संपूर्ण मददगार हैं ।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता बहन के नेतृत्व में राष्ट्र ध्वज लहराकर सभी ने राष्ट्र गीत गाया, तत्पश्चात बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों ने विश्व कल्याण की कामना से स्वपरिवर्तन से विश्व परिवर्तन की प्रतिज्ञा ग्रहण की साथ ही सविता दीदी ने सभी को देश में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान का पूर्ण समर्थन कर सहयोगी बनने की प्रतिज्ञा दिलवाई । अंत में सभी को मिठाई वितरण की गई ।

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ब्रह्माकुमारीज़ नीमच सबझोन के जावद केन्द्र पर ईश्‍वरीय रक्षाबंधन

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जावद (नीमच) : अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा विश्‍व के 150 देशों में ईश्‍वरीय रक्षा सूत्र बांधने का कार्यक्रम लगभग 1 माह तक चलाया जाता है, इसी के अन्तर्गत ब्रह्माकुमारीज़ जावद केन्द्र पर संस्थान की सबझोन संचालिका आदरणीया बी.के.सविता दीदी जी द्वारा बड़ी संख्या में उपस्थित ब्रह्मावत्सों को ईश्‍वरीय शक्ति सम्पन्‍न.. दिव्य ज्योति का प्रतीक रक्षासूत्र बांधकर सभी का मुख मीठा कराया गया ।

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डॉ. स्वामीनाथन ने नीमच प्रवास के अन्तिम दिन तीन बड़े कार्यक्रमों को संचालित व संबोधित किया ।

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800 से अधिक ब्रह्मावत्सों का तपस्या कार्यक्रम, सी.टी.सी. व विक्रम सीमेण्ट में तनाव मुक्त खुशहाल जीवन कार्यक्रम हुए
नीमच : विश्‍व विभूति प्रोफेसर (डॉ.) ई.वी.स्वामीनाथन जिन्होंने क्राईसिस मेनेजमेन्ट, काउन्सलिंग, साइकोलॉजी, एवं योगा में मास्टर्स डिग्री के साथ ही हेल्थ व डेल्टा हिलिंग की विशेष योग्यता प्राप्‍त की एवं इमोशनल एण्ड क्वांटम इंटेलिजेंस में पी.एच.डी. प्राप्‍त करने के पश्‍चात अपना संपूर्ण जीवन ब्रह्मचर्य व्रत में रहकर विश्‍व सेवा के प्रति समर्पित कर दिया और आज वे मानव जीवन के उत्थान में उपयोगी अपनी सभी शिक्षाओं का सदुपयोग कर नि:स्वार्थ भारत सहित विश्‍व भ्रमण पर निरंतर रहकर अथक व निस्वार्थ नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं..
एैसी विश्‍व विख्यात विभूति डॉ. स्वामीनाथन ने नीमच जिले के अपने पांच दिवसीय प्रवास में कुल 14 कार्यक्रमों को संचालित व संबोधित कर सैंकड़ों लोगों को लाभान्वित किया एवं उनकी निजी समस्याओं व प्रश्‍नों का भी समाधान देकर उन्हें तनाव मुक्त बनाने की दिशा में अपना संपूर्ण योगदान दिया ।
नीमच प्रवास के अंतिम दिन प्रोफेसर स्वामीनाथन ने तीन बड़े कार्यक्रमों में भाग लिया । सर्वप्रथम नगर के दशहरा मैदान स्थित विशाल टॉउन हॉल में विशेष बैठक व्यवस्था के पश्‍चात 750 से अधिक ब्रह्मावत्सों के लिए आयोजित गहन राजयोग तपस्या एवं ब्रह्माभोजन के कार्यक्रम में भाग लेकर लगभग दो घण्टे अपना संबोधन देकर अनेक गुह्य आध्यात्मिक रहस्यों को स्पष्ट किया एवं राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति के लिए अनेकानेक सरल एवं व्यवहारिक टिप्‍स प्रदान किये । तत्‌पश्‍चात शाम 4.30 बजे से 6 बजे तक सी.आर.पी.एफ. के सी.टी.सी. परिसर स्थित विशाल सभागार में ‘‘स्ट्रेस फ्री हैप्‍पी लाईफ’’ विषय पर सेमीनार संचालित किया, इस कार्यक्रम में सी.टी.सी. के इंस्पेक्टर जनरल श्री संजीव दत्ता ने डॉ. स्वामीनाथन सहित बी.के.सविता दीदी, बी.के.श्रुति दीदी एवं बी.के.सुरेन्द्र भाई का गुलदस्ते भेंट कर स्वागत किया तथा सभी आगन्तुक अतिथियों के सम्मान में श्री दत्ता ने अपना संबोधन भी दिया । इस कार्यक्रम का संयोजन कमाण्डेंट श्री वेदप्रकाश ने किया सी.टी.सी. के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उच्चाधिकारी एवं प्रशिक्षु अधिकारी एवं जवान सम्मिलित हुए ।
उपरोक्त कार्यक्रम के पश्चात डॉ. स्वामीनाथन के नीमच प्रवास का अन्तिम कार्यक्रम खोर स्थित विक्रम सीमेन्ट में मेनेजमेंट के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों व उनके परिवारों के लिए ‘प्रशासन व परिवार का सामंजस्य’ विषय पर डॉ. ई.वी.स्वामीनाथन ने ऑडियो विजुअल प्रेजेन्टेशन द्वारा सम्बन्धित तकनीकी प्रशिक्षण दिया एवं बीच बीच में प्रश्‍नोत्तर द्वारा कार्यक्रम को जींवत बनाए रखा। इस कार्यक्रम में विक्रम सिमेन्‍ट के यूनिट हेड श्री बिजनेश्‍वर मोहन्ती के नेतृत्व में फंक्शनल हेड श्री भूपेन्द्रसिंह, एफ.एच.टी. श्री शैलेन्द्र पाण्डे, एच.आर.हेड श्री जयन्तसिंह, मैकेनिकल विभाग प्रमुख श्री सुरेन्दर रूध, इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंटल हेड श्री नितिन नायर एवं श्री रमेश टी, सेक्शन हेड श्री उपकार भास्कर एवं श्री अंगद सिंह आदि अनेक उच्चाधिकारियों व उनके परिवारजनों ने भाग लिया । कार्यक्रम के अंत में विक्रम सिमेण्ट के युनिट हेड श्री बी.मोहन्ती ने इस सारे कार्यक्रम को बहुत अधिक उपयोगी बताते हुए ब्रह्माकुमारी संस्थान एवं डॉ. स्वामीनाथन का हृदय से आभार प्रकट किया और कहा कि हमें भविष्य में आगे और भी इसी प्रकार के कार्यक्रमो का सहयोग ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा मिलता रहे तो बहुत अधिक आभारी रहेंगे ।

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Brahma Kumaris Neemuch