नीमच : 13.01.2019 अंतराष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ज्ञान मार्ग, नीमच स्थित ‘ज्ञान सागर’ परिसर में उमंग, उत्साह एवं हर्ष का माहौल व्यापक...
संबंधों का महत्व ज्यादा है, न कि अहंकार अथवा डिग्री का… नीमच : दि. 25.12.18 मानव मनोविज्ञान के गहन ज्ञाता, मानस महर्षि, संकल्प सिद्ध योगी, बी.के.सूर्य...
ब्रह्माकुमारीज़ के ‘समाधान’ कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में मनासा का श्रेष्ठी वर्ग सम्मिलित हुआ नीमच : दि. 23.12.18 एक हजार से अधिक कुर्सियों और विशाल...
‘जिन्दगी बने आसान’ कार्यक्रम में नगर के हर वर्ग के 1000 से अधिक व्यक्तियों ने लाभ लिया नीमच : दि. 23.12.18 “चिन्तन को बदलें, व्यवहार को...
ब्रह्माकुमारी संस्था के 2000 से अधिक भाई–बहनों ने गहन राजयोग तपस्या कर शांति की तरंगे फैलाई, आने वाली विकराल परिस्थितियों का सामना करने के लिए स्वस्थिती...
नीमच : 26.8.18 रक्षाबंधन सही अर्थों में सर्वशक्तिवान परमात्मा द्वारा विश्व की सर्व आत्माओं की काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि समस्त विकारों से रक्षा करने का यादगार पर्वहै । जब कलियुग अपनी समापन की स्थिती पर आता है तो निराकार स्वयं भू शिव परमात्मा अपना परमधाम घर छोड़कर परकाया प्रवेश के द्वारा सृष्टि परिवर्तन का अपना दिव्यकर्तव्य करते हैं । इसीलिये वर्तमान समय चल रहे इस दिव्य कर्तव्य के युग को पुरूषोत्तम संगमयुग कहा जाता है और समस्त विश्व में ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा हर स्त्री, पुरूष, बच्चे, बूढ़े सभी को जाति, धर्म, भाषा व सरहदों के भेदभाव से उपर उठकर यह ईश्वरीय रक्षासूत्र बांधा जाता है और हर रक्षासूत्र धारण करने वाले से आग्रह किया जाता है कि वे नकारात्मकबातों का त्याग कर समर्थ एवं सकारात्मक संकल्प धारण करे ।” उपरोक्त विचार ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय के ज्ञान मार्ग स्थित सद्भावना सभागार में रक्षाबंधन पर्व पर उपस्थितविशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता बहन द्वारा व्यक्त किये गए । इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान केनीमच एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अपने संबोधन में परमपिता परमात्मा शिवबाबा से रक्षासूत्र धारण कर प्रतिज्ञा करने का महत्व समझाते हुए बताया कि अलौकिक ईश्वरीयशक्तियों से सम्पन्न यह पवित्र रक्षासूत्र धारण करते समय हम जो भी सकारात्मक संकल्प अथवा प्रतिज्ञा धारण करते हैं तो उसके पालन में हमें सर्वशक्तिवान परमात्मा की मददमिलती है अतएव यह रक्षासूत्र संसार के हर धर्म, जाति व हर देश के लोगों को अवश्य स्वीकार करना चाहिए । तत्पश्चात राजयोगिनी सविता दीदी एवं बी.के.मीना बहन ने राजयोग ध्यान तपस्या की गहन स्थिति में बैठकर सर्वशक्तिवान शिवबाबा को पवित्र महाभोग स्वीकार करवायाएवं प्रात: 8 बजे से लेकर प्रात: 12 बजे तक लगभग 1500 भाई बहनों को अलौकिक रक्षाबंधन बांधा गया साथ ही सभी को आत्मस्मृति का तिलक एवं ब्रह्माचारी तपस्वी बहनों के हाथोंसे बनाया गया पवित्र महाभोग भी प्रदान किया गया ।
अन्तर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की नीमच शाखा के 300 से अधिक नियमित सदस्यों ने ब्रह्माकुमारी योग दिवस की पूर्व संध्या पर गांधी वाटिका में...
नीमच : दि.22 जून-18, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने सारे विश्व में भारत की संस्कृति और सभ्यता को गौरवान्वित किया है । इस भागीरथी प्रयास में अंतर्राष्ट्रीय शांतिदूत ब्रह्माकुमारी संस्थान का भीबहुत बड़ा योगदान है । इस संस्थान के 140 देशों में फैले हुए नेटवर्क के लाखों अनुयायी अपने ही तन मन धन से राजयोग साधना एवं सत्य ईश्वरीय ज्ञान की ताकत से सारे विश्व को सतयुगी स्वर्ग बनाने की सेवामें दिन रात लगे हैं और एक दिन अवश्य ही ये श्वेत वस्त्रधारी ब्रह्माकुमारी बहनें एवं भाई प्राचीन भारतीय संस्कृति का परचम सारे विश्व में लहराकर भारत को विश्व गुरू बना देंगे ।” उपरोक्त विचारब्रह्माकुमारी संस्थान के एरिया डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की संध्या पर देर रात तक चले विशाल राजयोग साधना शिविर को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये । इस शिविर के अपनेसम्बोधन में राजयोगिनी अंतर्राष्ट्रीय सविता दीदी ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन ही सुख–शांति का आधार है एवं तनाव से मुक्त होने की अचूक दवा है । वर्तमान समय सारे विश्व में न सिर्फ तनाव बल्कि क्रोध,डिप्रेशन, अनिद्रा, निराशा, अविश्वास, भय और व्यसनों का बोलबाला है । संसार का प्रत्येक व्यक्ति इस बुराईयों से जूझ रहा है किन्तु यदि प्रतिदिन केवल 10-15 मिनिट भी राजयोग मेडिटेशन का नियमितअभ्यास किया जाए तो अपने जीवन को सुखद शांतिमय बनाया जा सकता है । संध्या 6 से रात्रि 9 बजे तक चले राजयोग साधना शिविर में सविता दीदी ने शक्तिशाली आध्यात्मिक विचारों की कॉमेन्ट्री देकरराजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाया । इस साधना शिविर की विशेषता यह रही कि लगातार तीन घण्टे तक सैंकड़ोें राजयोग साधक भाई–बहनें पूरी तल्लीनता एवं एकाग्रता से राजयोग की साधना में लीन थेतथा विश्व शांति, एकता एवं प्रेम के प्रकम्पन सारे विश्व में फैला रहे थे । इस अवसर पर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने राजयोग साधना के साथ साथ शारिरीक व्यायाम एवं प्राणायाम की उपयोगिता बताकर हल्की फुल्कीएक्सरसाइज भी करवाई ।